Raebareli City

एम्स रायबरेली को मिली सफलता… RIRS तकनीक से बिना चीरा निकाली किडनी की पथरी

13 साल की बच्ची को दुर्लभ ‘क्रॉस फ्यूज़्ड रीनल एक्टोपिया’ में मिला नया जीवन, प्राकृतिक रास्ते से लेज़र द्वारा निकाली गई पथरी

विजय पटेल

रायबरेली, 6 दिसंबर 2025:

एम्स रायबरेली ने चिकित्सा क्षेत्र में एक और उपलब्धि दर्ज की है। अस्पताल में पहली बार जन्मजात जुड़ी हुई किडनियों (क्रॉस फ्यूज़्ड रीनल एक्टोपिया) में बनी पथरी का सफल उपचार अत्याधुनिक RIRS तकनीक से किया गया। यह सर्जरी बिना किसी बाहरी चीरे के केवल प्राकृतिक छिद्र के रास्ते से की गई।

13 साल की बच्ची पिछले एक साल से पेट दर्द और पेशाब में जलन की शिकायत लेकर अस्पताल आई थी। जांच में पता चला कि उसकी दोनों किडनियां जन्म से ही एक ही ओर जुड़ी हुई हैं, और इसी दुर्लभ स्थिति में पथरी भी बन गई थी।

यूरोलॉजी विभाग के डॉ. अमित मिश्रा और उनकी टीम ने RIRS (Retrograde Intrarenal Surgery) तकनीक का इस्तेमाल कर लेज़र से पथरी को तोड़ा। यह तकनीक बेहद पतले एंडोस्कोप के जरिए बिना किसी कट के किडनी तक पहुंचकर की जाती है। इससे मरीज को कम दर्द, कम खून बहना और जल्दी स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

सर्जरी के बाद जांच में किडनी पूरी तरह पथरी मुक्त मिली और बच्ची को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। इस जटिल और सफल प्रक्रिया का श्रेय यूरोलॉजी टीम ने एम्स रायबरेली की कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. अमिता जैन के मार्गदर्शन को दिया है। सर्जिकल टीम में डॉ. अमित मिश्रा (यूरोलॉजिस्ट), डॉ. अभय (एनेस्थेटिस्ट), डॉ. रविराज (सर्जरी रेजिडेंट), श्री कृष्णा गुर्जर, बीना, एस.जयपाल (नर्सिंग स्टाफ) एवं तकनीशियन लक्ष्मी शामिल थे।

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