अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

Isha Maravi
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नई दिल्ली, 13 सितंबर 2024 – दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में जमानत दे दी। इस मामले में केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मार्च 2024 में गिरफ्तार किया था, और उसके बाद जून 2024 में सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार किया था। इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच राजनीतिक खींचतान बढ़ गई है।

क्या है पूरा मामला?

केजरीवाल पर आरोप है कि उनकी सरकार ने दिल्ली की शराब नीति में बदलाव कर कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाया और इस प्रक्रिया में घूस ली। ईडी ने दावा किया कि 2021 की शराब नीति के तहत उनकी पार्टी ने 1 बिलियन रुपये की रिश्वत ली। इस मामले में केजरीवाल को पहले ईडी ने गिरफ्तार किया और बाद में सीबीआई ने, लेकिन उन्होंने सभी आरोपों को “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया है।

सुप्रीम कोर्ट की दो-जजों की बेंच ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराया, लेकिन उनकी लंबी हिरासत को “व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अनुचित हनन” मानते हुए जमानत दे दी। जस्टिस सुर्यकांत ने कहा कि विस्तारित कैद “अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का हनन” है। न्यायालय ने जमानत की शर्त के रूप में 10 लाख रुपये का निजी मुचलका और दो जमानतदारों की आवश्यकता रखी है। साथ ही, केजरीवाल को निर्देश दिया गया है कि वे इस मामले के संबंध में कोई सार्वजनिक टिप्पणी न करें और ट्रायल कोर्ट में सभी सुनवाइयों में उपस्थित रहें, जब तक कि उन्हें छूट न दी जाए।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आगे का रास्ता

केजरीवाल की रिहाई के बाद दिल्ली में उनके समर्थकों ने जश्न मनाया। उन्होंने तिहाड़ जेल से बाहर निकलने के बाद दिल्ली के सिविल लाइन्स में एक रोड शो भी किया और अपने समर्थकों का अभिवादन किया। केजरीवाल ने कहा, “जेल की दीवारें मेरे साहस को कम नहीं कर सकतीं। मेरा संकल्प 100 गुना मजबूत हो गया है।” उन्होंने इस लड़ाई को लोकतंत्र की जीत बताया और कहा कि वह देश को मजबूत करने के लिए हर संघर्ष जारी रखेंगे।

हालांकि, भाजपा ने केजरीवाल की जमानत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और उन्हें “जमानती क्लब” का नया सदस्य कहा। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को कानूनी माना है और कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, इसलिए वे जल्द ही फिर से जेल जा सकते हैं।


अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलना आप के लिए एक राहत की बात है, खासकर हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले। इस मामले पर आगे की कानूनी लड़ाई और राजनीतिक प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, जो आगामी चुनावी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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