31 अगस्त 2024
भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन रही है। इस वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जिनमें जीवनशैली में बदलाव, आहार की आदतें, शारीरिक गतिविधि की कमी और तनावपूर्ण जीवन शामिल हैं।
भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और शहरीकरण ने लोगों की जीवनशैली में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाया है। अधिक लोग अब रेस्तरां में खाना खाते हैं, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं और कार या दोपहिया वाहनों से यात्रा करते हैं। इन बदलावों से लोगों का आहार कम पौष्टिक हो गया है और शारीरिक गतिविधि कम हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, मोटापा बढ़ रहा है, जो मधुमेह का एक प्रमुख जोखिम कारक है।
तनावपूर्ण जीवन भी मधुमेह के जोखिम को बढ़ा सकता है। भारत में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और दबाव ने लोगों को अधिक तनाव में डाल दिया है। तनाव के कारण शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होता है, जो मधुमेह के विकास में योगदान कर सकता है।
अंत में, भारत में मधुमेह रोगियों की बढ़ती संख्या के लिए आनुवंशिक कारक भी जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ लोगों में मधुमेह होने का अधिक जोखिम होता है, क्योंकि उनके परिवार में इस रोग का इतिहास है।
मधुमेह एक गंभीर बीमारी है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे कि हृदय रोग, स्ट्रोक, गुर्दे की बीमारी और अंधापन। इसलिए, भारत में मधुमेह की बढ़ती संख्या को एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती के रूप में लिया जाना चाहिए। सरकार और स्वास्थ्य संगठनों को जागरूकता बढ़ाने, रोकथाम की रणनीतियां लागू करने और प्रभावी उपचार प्रदान करने के लिए काम करना चाहिए