
पटना, 13 फरवरी 2025
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को अपनी पार्टी के फंडिंग संबंधी आरोपों को लेकर जेडी-यू की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने पूरी तरह अपनी बुद्धि के आधार पर पैसा कमाया है। जन सुराज के संस्थापक ने कहा, “मैं कभी भी आईएएस या आईपीएस अधिकारी या किसी अन्य सरकारी सेवा में नहीं रहा। मैं कभी भी ठेकेदार या संसद या विधानमंडल का सदस्य नहीं रहा। मैंने जो कुछ भी कमाया है, वह सब मेरी बुद्धि की बदौलत है।” किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि उनके वित्तीय संसाधन उनकी व्यावसायिक विशेषज्ञता और बौद्धिक प्रयासों का परिणाम हैं।
उन्होंने कहा, “मेरी सारी कमाई वैध है और इसका उपयोग बिहार के युवाओं की मदद के लिए किया जाएगा।”
किशोर ने आर्थिक असमानता के व्यापक मुद्दे पर भी बात की, विशेष रूप से बिहार के युवाओं से संबंधित।
उन्होंने कहा, “क्या सारा पैसा गुजरात के युवाओं के पास ही होगा? भले ही सत्ता बिहार के युवाओं के वोट से ही मिलती हो? अब यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बिहार के युवा हमेशा सस्ते श्रम का स्रोत नहीं रहेंगे।”
जन सुराज ने जेडी-यू के आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया।
पार्टी के वरिष्ठ नेता आर.एन. सिंह ने कहा कि पार्टी पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखती है, सभी आय और व्यय का दस्तावेजीकरण किया जाता है तथा सार्वजनिक जांच के लिए उपलब्ध कराया जाता है।
उन्होंने जेडी-यू को चुनौती दी कि यदि उन्हें लगता है कि वित्तीय अनियमितताएं हैं तो वे जांच शुरू करें। साथ ही उन्होंने जेडी-यू से अपने स्वयं के वित्त पोषण स्रोतों का खुलासा करने की भी मांग की, जिसमें गुमनाम चुनावी बांड के माध्यम से प्राप्त दान भी शामिल है।
जेडी-यू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा कि जन सुराज को जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन के माध्यम से वित्त पोषित किया जाता है, जो कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत एक धर्मार्थ संगठन है।