मुंबई, 24 सितंबर 2024:
बॉलीवुड की ग्लैमरस दुनिया में परफेक्ट लुक बनाए रखने का दबाव काफी ज्यादा है, और इस कारण से कई अभिनेत्रियां अपने चेहरे को युवा और आकर्षक बनाए रखने के लिए फिलर्स और बोटोक्स का सहारा लेती हैं। हालांकि, यह प्रक्रियाएं तुरंत प्रभावी होती हैं, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
फिलर्स और बोटोक्स क्या हैं?
फिलर्स और बोटोक्स ऐसी गैर-सर्जिकल प्रक्रियाएं हैं, जिनके जरिए चेहरे की झुर्रियों को कम किया जाता है और चेहरे को वॉल्यूम दिया जाता है। बोटोक्स का उपयोग मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए किया जाता है, जबकि फिलर्स का उपयोग होठों, गालों और ठोड़ी को वॉल्यूम देने के लिए होता है।
प्रमुख उदाहरण
अनुष्का शर्मा ने फिल्म बॉम्बे वेलवेट के लिए लिप फिलर्स का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में उन्होंने इसे स्वीकार किया।
प्रियंका चोपड़ा ने अपनी नाक की सर्जरी के बाद फिलर्स का इस्तेमाल किया, जब उनकी नाक का ब्रिज गलती से डॉक्टर द्वारा खराब कर दिया गया था।
आयशा टाकिया का चेहरा फिलर्स के बाद इतना बदला कि लोग इसे “बुरा सर्जिकल अनुभव” कहने लगे।
फायदे और नुकसान
इन प्रक्रियाओं के फायदे हैं कि यह झुर्रियों को कम करती हैं, चेहरे को जवां बनाती हैं और चेहरे की बनावट को निखारती हैं। हालांकि, गलत तरीके से या अधिक मात्रा में इनका उपयोग चेहरे को असमान और कठोर दिखा सकता है। कुछ मामलों में दर्द, सूजन और स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
क्या आपको इन्हें आजमाना चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप फिलर्स या बोटोक्स का उपयोग करना चाहते हैं, तो इसे केवल योग्य और अनुभवी डॉक्टर से ही करवाएं। इसके अलावा, अपने शरीर की प्राकृतिक खूबसूरती को प्राथमिकता देना भी महत्वपूर्ण है।
अंत में, यह प्रक्रियाएं सेलेब्रिटी लाइफस्टाइल का हिस्सा हो सकती हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले इसके साइड इफेक्ट्स और संभावनाओं पर भी विचार करना जरूरी है।
बॉलीवुड एक्ट्रेस की ब्यूटी सीक्रेट्स: फिलर्स और बोटोक्स के फायदे और नुकसान
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