कजान (रूस), 24 अक्टूबर 2024:
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit 2024) का आयोजन रूस के कजान शहर में हुआ, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक महत्वपूर्ण भाषण दिया।
पीएम मोदी ने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को धन्यवाद दिया और ब्रिक्स समूह के नए सदस्य देशों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स अब विश्व की 40% मानवता और लगभग 30% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है, जो इसे वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण शक्ति बनाता है।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि आने वाले समय में ब्रिक्स संगठन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में और अधिक प्रभावी माध्यम बनेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने न्यू डेवलपमेंट बैंक की अध्यक्ष डिल्मा रूसेफ को भी बधाई दी, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों में बैंक को ग्लोबल साउथ के देशों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में उभारा है। उनके नेतृत्व में बैंक ने विकासशील देशों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोला है।
इस शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी डॉलर की प्रमुखता को एक नई चुनौती मिली। सम्मेलन के बाद जारी कजान घोषणा-पत्र में कहा गया कि ब्रिक्स सदस्य देश आपस में अपने-अपने राष्ट्रीय मुद्राओं में कारोबार करने को प्राथमिकता देंगे। इसका उद्देश्य आपसी व्यापार को बढ़ावा देना और डॉलर पर निर्भरता को कम करना है।
इसके अलावा, सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के वित्तीय ढांचे को और मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
इसमें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेन-देन के सेटलमेंट के लिए एक स्वतंत्र व्यवस्था बनाने और एक पुनर्बीमा कंपनी की स्थापना का अध्ययन कराने का निर्णय भी शामिल है। यह कदम ब्रिक्स देशों के आर्थिक सहयोग और वित्तीय संरचना को और अधिक समेकित और स्वतंत्र बनाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन में रूस-यूक्रेन विवाद का समाधान शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से करने का स्पष्ट आह्वान भी किया।
उन्होंने कहा कि भारत युद्ध का समर्थन नहीं करता, बल्कि संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान का पक्षधर है। इस प्रकार, पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर शांति और स्थिरता के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2024 का यह आयोजन वैश्विक व्यापार, वित्तीय प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।