नई दिल्ली, 18 सितंबर 2024 – भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नया मुकाम देते हुए, केन्द्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख मिशनों को मंजूरी दे दी है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण मिशन भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) और चंद्रयान-4 हैं। इन मिशनों को भारत की अंतरिक्ष क्षमता को और अधिक उन्नत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) का विकास
केन्द्र सरकार ने 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS-1) के पहले मॉड्यूल के लॉन्च को मंजूरी दी है। यह परियोजना 2035 तक पूर्ण अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है, जो कि देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा। इस मिशन का उद्देश्य माइक्रोग्रैविटी आधारित अनुसंधान और तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है। इससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में नए अवसर उत्पन्न होंगे और रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
चंद्रयान-4: अगले चंद्र मिशन की तैयारी
चंद्रयान-4 मिशन, जो चंद्रमा से नमूने एकत्रित करके वापस लाने की योजना है, भारत के आगामी प्रमुख अंतरिक्ष मिशनों में से एक है। इसे 2027 तक लॉन्च करने की योजना है। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से महत्वपूर्ण वैज्ञानिक डेटा प्राप्त करना और भविष्य में चंद्रमा पर मानव मिशन की नींव रखना है। यह मिशन चंद्रयान-3 की सफलता को आगे बढ़ाते हुए भारत की चंद्र अन्वेषण क्षमता को और मजबूती देगा।
इन दोनों प्रमुख मिशनों के साथ, सरकार ने अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत अन्य योजनाओं को भी मंजूरी दी है, जिसमें शुक्र ग्रह के लिए ऑर्बिटर मिशन और अगली पीढ़ी के लॉन्च व्हीकल का विकास शामिल है। इन मिशनों से भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम न केवल वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा, बल्कि देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी नए आयाम स्थापित करेगा।
केन्द्र सरकार ने भारत के अंतरिक्ष मिशनों को दी मंजूरी: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रयान-4 प्रमुख योजनाओं में शामिल
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