छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टेबाजी ऐप मामलों को सीबीआई को सौंपा

Isha Maravi
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रायपुर, 26 अगस्त – छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सोमवार को बताया कि राज्य सरकार ने महादेव सट्टेबाजी ऐप ‘घोटाले’ से जुड़े मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी है।

शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले सप्ताह इस संबंध में सहमति देते हुए एक अधिसूचना जारी की थी। शर्मा ने संवाददाताओं को बताया, “कथित महादेव घोटाले से संबंधित 70 मामले राज्य के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किए गए हैं, और एक मामला आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में है। हमने इन सभी मामलों को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है और इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह मामला (महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाला) अब एक राज्य तक सीमित न होकर कई राज्यों का मामला बन गया है। यह कहा जा रहा है कि कथित घोटाले के कुछ ‘सरगना’ विदेश में रह रहे हैं। अब सीबीआई इस मामले की गंभीरता से जांच करेगी।”

उपमुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी और सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि विदेश में रह रहे लोगों को वापस लाने के लिए कार्रवाई की जाएगी।”

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के गृह विभाग ने इस संबंध में 22 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की थी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पिछले एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामलों की जांच कर रहा है, जो राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए थे।

राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद, ईओडब्ल्यू ने ईडी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर मार्च में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल, ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल समेत 14 अन्य लोगों को ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है।

बघेल ने इस प्राथमिकी को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया था।

ईडी ने कहा है कि उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ नेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल, जो दुबई से फ्रेंचाइजिंग पैनल/शाखाओं के माध्यम से सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म का संचालन करते हैं, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ से हैं।

यह दावा किया गया है कि यह ऐप एक अम्ब्रेला सिंडिकेट था, जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और ‘बेनामी’ बैंक खातों के माध्यम से धन शोधन करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की व्यवस्था करता था।

ईडी ने अब तक इस मामले में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा है कि अपराध की अनुमानित आय लगभग 6000 करोड़ रुपये है।

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