वाशिंगटन / अमेरिका ,6 नवम्बर, 2024:
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प बुधवार को अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी में से एक में व्हाइट हाउस की दौड़ जीत चुके हैं। उन्होंने चुनाव में अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस को हरा दिया है, जिससे देश लगभग दो खेमों में बंटता नज़र आ रहा है। फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में अपने विजयी भाषण में ट्रम्प ने घोषणा की, “यह अमेरिका का स्वर्ण युग होगा… अमेरिका ने हमें अभूतपूर्व जनादेश दिया है।” उन्होंने कहा कि यह क्षण “देश की स्थिति ठीक होने में मदद करेगा।” ट्रम्प ने अपने समर्थकों के बीच अपनी जीत की घोषणा करते हुए अमेरिकी लोगों के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और एक मजबूत, सुरक्षित अमेरिका के निर्माण तक चैन से न बैठने की कसम खाई।
ट्रंप की जीत का भारत पर प्रभाव: फायदे और नुकसान
ट्रंप का राष्ट्रपति पद पर पुनः आसीन होना भारत के लिए कई फायदे और चुनौतियां दोनों ही लेकर आ सकता है। जहां एक ओर उनकी नीतियां कुछ क्षेत्रों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती हैं, वहीं दूसरी ओर यह कुछ नई कठिनाइयां भी उत्पन्न कर सकती हैं।
- फायदे:
- चीन पर सख्त रुख से लाभ: ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति में उन्होंने चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकेत दिया है। यदि वह चीन के उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाते हैं तो यह अमेरिका में कई कंपनियों को चीन से बाहर अपने उत्पादन इकाइयों को स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके चलते भारत उन देशों में से एक हो सकता है, जहां ये कंपनियां अपना उत्पादन स्थापित करने पर विचार कर सकती हैं। इससे भारत में निवेश में वृद्धि हो सकती है और भारतीय उद्योगों के लिए नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
- भारतीय आईटी उद्योग को बढ़ावा: ट्रंप ने अमेरिका में स्थानीय नौकरियों को बढ़ाने का वादा किया है, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों के लिए कुछ चुनौती आ सकती है, लेकिन साथ ही उन्होंने उच्च तकनीकी कार्यों के लिए एच-1बी वीजा नीति में लचीलापन बनाए रखने की बात कही है। इससे भारत की प्रमुख आईटी कंपनियों को नए तकनीकी परियोजनाओं पर काम करने का अवसर मिल सकता है।
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग: ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में भारत के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत किया था। उन्होंने भारत को अत्याधुनिक हथियारों और रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति करने का समर्थन किया था। अगर यह सहयोग और बढ़ता है तो भारत की रक्षा क्षमता में सुधार होगा, जिससे उसे अपनी सुरक्षा रणनीतियों को और मजबूती मिल सकेगी।
- नुकसान:
- आयात पर बढ़ते टैरिफ: ट्रंप की नीति के तहत विदेशी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने की संभावना है। इससे भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर असर पड़ सकता है, जैसे कि कपड़ा, दवाएं और कृषि उत्पाद, जिनकी लागत अमेरिकी बाजार में बढ़ सकती है। इस स्थिति में भारतीय कंपनियों को अपनी प्रतिस्पर्धा बनाए रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
- मुद्रास्फीति में वृद्धि का खतरा: अमेरिकी बाजार में टैरिफ की वजह से भारतीय निर्यात महंगा हो सकता है, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए भी कुछ उत्पाद महंगे हो सकते हैं। इससे देश की महंगाई दर पर असर पड़ सकता है और ब्याज दरों में कटौती की संभावना भी कम हो सकती है। महंगाई में बढ़ोतरी का सीधा प्रभाव भारतीय मध्यम वर्ग पर पड़ेगा, क्योंकि उनकी ईएमआई पर भी असर पड़ेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त भार आएगा।
- एच-1बी वीजा नियमों में सख्ती: ट्रंप ने अमेरिका में नौकरियों को प्राथमिकता देने का वादा किया है, जिसका असर भारतीय आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर पर पड़ सकता है। अगर एच-1बी वीजा नियमों को और सख्त किया जाता है, तो भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिका में काम करना कठिन हो सकता है, जिससे इन क्षेत्रों पर आर्थिक प्रभाव पड़ेगा।
पीएम मोदी का बधाई सन्देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने पर डोनाल्ड ट्रंप को बधाई देते हुए X (पहले ट्विटर नाम था । ) पर एक विशेष संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा, “मेरे मित्र @realDonaldTrump को उनकी ऐतिहासिक जीत पर हार्दिक बधाई। पिछले कार्यकाल में उनकी सफलताओं को देखते हुए, मैं भारत-अमेरिका के समग्र वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए तत्पर हूं। चलिए मिलकर हमारे लोगों की भलाई और वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने का कार्य करें।” प्रधानमंत्री के इस संदेश से यह स्पष्ट होता है कि भारत इस जीत को एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में देख रहा है और वह अमेरिका के साथ अपने संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का इच्छुक है।

भारत-अमेरिका संबंधों का भविष्य:
प्रधानमंत्री मोदी का यह बधाई संदेश केवल कूटनीतिक शिष्टाचार नहीं है, बल्कि यह भारत-अमेरिका संबंधों की गहराई और परिपक्वता को भी दर्शाता है। भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी के कई महत्वपूर्ण पहलू हैं, जैसे व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण और विज्ञान-प्रौद्योगिकी। ट्रंप की जीत के बाद, इन क्षेत्रों में संबंधों को और अधिक गति देने के लिए नए समझौते और परियोजनाएं देखने को मिल सकती हैं।
ट्रंप ने अपने भाषण में देश को एकजुट करने और अमेरिकी लोगों के कल्याण के लिए कार्य करने की बात कही है। इसी संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके संबंधों को भी एक नया आधार मिल सकता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल में भारत-अमेरिका के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे, जैसे कि 5G टेक्नोलॉजी में साझेदारी, रक्षा अनुबंध और व्यापारिक समझौतों का विस्तार। ट्रंप के इस कार्यकाल में यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश इन समझौतों को और विस्तार देंगे, ताकि दोनों देशों के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार हो और वैश्विक स्थिरता में योगदान किया जा सके।
इस प्रकार, डोनाल्ड ट्रंप की जीत भारतीय अर्थव्यवस्था और कूटनीतिक क्षेत्र पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है। भारत को इस अवसर का लाभ उठाने के साथ-साथ चुनौतियों का समाधान करने के लिए भी तैयार रहना होगा।