7 सितंबर, 2024
गणेश चतुर्थी 2024 का पर्व 7 सितंबर से पूरे देश में धूमधाम से शुरू हो चुका है। भगवान गणेश के भक्त इस पर्व का बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ इंतजार करते हैं। 10 दिनों तक चलने वाला यह उत्सव, भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माने जाते हैं। इस वर्ष भी देश के विभिन्न हिस्सों में गणपति बप्पा की मूर्तियों की स्थापना की गई है और भक्तगण भक्ति भाव से उनकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में भव्य आयोजन
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का उत्सव विशेष रूप से बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मुंबई, पुणे और अन्य शहरों में विशाल सार्वजनिक पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। लालबागचा राजा, सिद्धिविनायक और अन्य प्रसिद्ध गणेश पंडालों में लाखों की संख्या में भक्त भगवान गणेश के दर्शन करने पहुँच रहे हैं। इस बार के उत्सव में पंडालों की सजावट और रंग-बिरंगे झांकियां मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इस दौरान विशेष सुरक्षा प्रबंध और यातायात व्यवस्थाओं का इंतजाम किया है।
पर्यावरण अनुकूल मूर्तियों की बढ़ती लोकप्रियता
गणेश चतुर्थी के दौरान होने वाले जल प्रदूषण को देखते हुए अब कई लोग और संगठन पर्यावरण अनुकूल मूर्तियों का उपयोग कर रहे हैं। इस साल भी मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों की मांग में इज़ाफा हुआ है। बड़े पैमाने पर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों की जगह अब प्राकृतिक रंगों और मिट्टी की मूर्तियों का विसर्जन किया जा रहा है, जिससे नदियों और तालाबों में प्रदूषण कम हो सके।
सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का पर्व
गणेश चतुर्थी सिर्फ धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। सार्वजनिक पंडालों में लोग भेदभाव से ऊपर उठकर एकसाथ पूजा करते हैं। इन दस दिनों के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन संध्या, नृत्य और संगीत के आयोजन भी होते हैं, जो समाज में उत्साह और एकता की भावना को मजबूत करते हैं।
गणपति बप्पा मोरया की गूंज
देशभर में ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारों से वातावरण गूंज रहा है। दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और अन्य शहरों में भी गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरी भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। विभिन्न स्थानों पर भव्य शोभायात्राओं का आयोजन किया जा रहा है, जहां भगवान गणेश की प्रतिमाओं को सजाकर विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। विसर्जन के दौरान भक्तगण भगवान गणेश से सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं और अगले साल फिर आने की कामना करते हैं।