2 सितंबर 2024
भारत में बदलती जीवनशैली और खान-पान की आदतों के चलते उच्च कोलेस्ट्रॉल (हाई कोलेस्ट्रॉल) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। यह समस्या अब केवल शहरी क्षेत्रों तक सीमित नहीं रही, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी इसका प्रभाव देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो यह भविष्य में बड़े पैमाने पर हृदय रोगों और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल: कारण और प्रभाव
कोलेस्ट्रॉल एक वसायुक्त पदार्थ है जो हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाया जाता है और यह शरीर के सही कामकाज के लिए आवश्यक भी है। लेकिन जब इसकी मात्रा खून में बढ़ जाती है, तो यह धमनियों में जमा होकर उन्हें संकीर्ण कर सकता है, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। इस स्थिति को ‘एथेरोस्क्लेरोसिस’ कहते हैं, जो हृदय रोगों, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।
भारत में उच्च कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के पीछे कई कारण हैं। असंतुलित आहार, जंक फूड का अधिक सेवन, शारीरिक सक्रियता की कमी, धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन इसके प्रमुख कारक हैं। इसके अलावा, आनुवंशिकता भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कुछ लोगों में परिवार के इतिहास के कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर स्वाभाविक रूप से अधिक होता है, जिससे उनका जोखिम और बढ़ जाता है।
स्वास्थ्य पर उच्च कोलेस्ट्रॉल के दुष्प्रभाव
उच्च कोलेस्ट्रॉल का सबसे बड़ा खतरा हृदय रोगों से होता है। जब धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं, तो हृदय को खून पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, यह रक्त प्रवाह को कम करके मस्तिष्क में स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है। मधुमेह और मोटापे से ग्रस्त लोग विशेष रूप से उच्च कोलेस्ट्रॉल के प्रति संवेदनशील होते हैं, और इनके लिए यह स्थिति और भी अधिक घातक हो सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में लगभग 25-30% वयस्क आबादी उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित है। यह आंकड़ा आने वाले वर्षों में और बढ़ सकता है, यदि लोगों में जागरूकता नहीं बढ़ाई गई और जीवनशैली में आवश्यक परिवर्तन नहीं किए गए। बच्चों और युवाओं में भी इस समस्या के मामले बढ़ रहे हैं, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है।
उच्च कोलेस्ट्रॉल से बचाव के उपाय
उच्च कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है संतुलित आहार और नियमित शारीरिक व्यायाम। आहार में फाइबर युक्त फल, सब्जियां, ओट्स, और मछली को शामिल करना चाहिए, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, ट्रांस फैट्स और संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट्स) से बचना चाहिए, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने का काम करते हैं।
शारीरिक व्यायाम भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। नियमित योग, दौड़, साइकिल चलाना, और तैराकी जैसे व्यायाम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाना और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना भी आवश्यक है, ताकि किसी भी समस्या का समय पर पता चल सके और उसका उपचार किया जा सके।
समाप्ति: जागरूकता और समय पर इलाज का महत्व
उच्च कोलेस्ट्रॉल के खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह एक ऐसी समस्या है जो धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर कर देती है और इसका परिणाम जीवन के लिए घातक हो सकता है। इसलिए, समय रहते इसके बारे में जागरूकता फैलाना और आवश्यक कदम उठाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार, स्वास्थ्य संस्थाएं और समाज को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा, ताकि भारत में इस बढ़ते स्वास्थ्य संकट को रोका जा सके और लोगों का जीवन स्वस्थ और खुशहाल बन सके।