नयी दिल्ली,15 अक्टूबर 2024:
भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव और भी बढ़ गया है। भारत सरकार ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित करने का कड़ा फैसला लिया है। इन राजनयिकों को 19 अक्टूबर, 2024 की रात 11:59 बजे तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। इस फैसले के बाद दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और भी दरारें पड़ती नजर आ रही हैं।
भारत द्वारा निष्कासित किए गए राजनयिकों में कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जिनमें मैरी कैथरीन जोली, लैन रॉस डेविड ट्राइट्स, एडम जेम्स चुइपका और पॉला ओरजुएला शामिल हैं।
जस्टिन ट्रूडो की तीखी प्रतिक्रिया
भारत के इस कड़े फैसले पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे “गलती” करार दिया और कहा कि यह कदम दोनों देशों के संबंधों को और खराब करेगा। ट्रूडो ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिशें तेज कर दी हैं और इसी कड़ी में उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से बात की है। दोनों नेताओं ने भारत सरकार से जुड़े एजेंटों द्वारा कनाडा के नागरिकों के खिलाफ लक्षित अभियानों पर चर्चा की और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात पर जोर दिया।
जस्टिन ट्रूडो ने अपने देशवासियों को संबोधित करते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, “आप में से कई लोग नाराज, परेशान और भयभीत हैं, मैं आपकी भावनाओं को समझता हूं। ऐसा नहीं होना चाहिए। कनाडा और भारत के बीच लोगों, व्यापार और कारोबार के क्षेत्र में एक लंबा इतिहास है, लेकिन जो अभी हो रहा है, उसे सहन नहीं किया जा सकता। कनाडा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्मान करता है और हम उम्मीद करते हैं कि भारत भी कनाडा के लिए ऐसा ही करेगा। प्रधानमंत्री के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उन लोगों को आश्वस्त करूं जो महसूस कर रहे हैं कि उनकी सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कार्रवाई करना मेरी जिम्मेदारी है।”
भारत-कनाडा संबंधों पर विपक्ष की चिंता
कनाडा के साथ भारत के बिगड़ते रिश्तों पर भारतीय विपक्ष ने भी चिंता जताई है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इससे यह साफ हो रहा है कि दोनों देशों के संबंध अब अच्छे नहीं रहे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सब भाजपा के शासन में शुरू हुआ है, पहले ऐसा कभी नहीं होता था। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि वे इस संवेदनशील मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष और अन्य दलों के नेताओं को विश्वास में लें।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने यह कदम तब उठाया जब कनाडा ने भारतीय राजनयिकों को सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जोड़ने का आरोप लगाया था। कनाडा ने दावा किया कि भारत सरकार के एजेंट इस हत्या के पीछे हो सकते हैं, जिसके बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त और अन्य अधिकारियों को कनाडा से वापस बुला लिया। भारत ने इन आरोपों को निराधार और झूठा बताया।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस मुद्दे पर अपना बयान जारी करते हुए कहा कि उनके पास इस बात के “स्पष्ट सबूत” हैं कि भारत सरकार ऐसी गतिविधियों में शामिल है, जो कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करती हैं।
भारत-कनाडा संबंधों पर अंतरराष्ट्रीय असर
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते इस कूटनीतिक तनाव का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर पड़ने की संभावना है। दोनों देशों के बीच व्यापार और कूटनीतिक संबंधों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों देशों के बीच तनाव कैसे हल होता है या और बढ़ता है।