नई दिल्ली,26 अक्टूबर 2024
पीएम मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की बैठक में भारत ने अरिहा शाह का मामला उठाया। साथ ही, कुशल भारतीय कामगारों के लिए वीजा बढ़ाकर 90,000 प्रति वर्ष करने की घोषणा भी की गई।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र, आबादी, डिमांड और डेटा के मजबूत स्तंभों पर खड़ा है। जर्मनी कुशल पेशेवरों की कमी को भारत के प्रतिभाशाली लोगों से पूरा करना चाहता है।
अरिहा शाह मामले पर भारत की नजर, विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि जर्मन चांसलर ने पीएम मोदी को आश्वासन दिया है कि वह इस मुद्दे पर बारीकी से ध्यान रखेंगे। अरिहा के माता-पिता, भावेश और धारा शाह, महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मीरा भायंदर के निवासी हैं। अरिहा पर मामूली शारीरिक शोषण के आरोप के बाद से वह 36 महीने से जर्मनी में फॉस्टर केयर में है।
अरिहा शाह कौन है?
अरिहा शाह एक तीन साल की भारतीय बच्ची है, जो जर्मनी में एक जटिल कानूनी विवाद में फंसी हुई है। उसके माता-पिता, जो भारतीय नागरिक हैं, काम के कारण जर्मनी में रह रहे थे। अरिहा के माता-पिता ने उसकी चोटों की रिपोर्ट की, लेकिन जर्मन अधिकारियों ने इसे संभावित दुर्व्यवहार मानते हुए जांच शुरू की। इसके परिणामस्वरूप, जर्मन बाल सुरक्षा एजेंसियों ने उसे अपने संरक्षण में लेकर एक फॉस्टर केयर में रखा।
हर स्तर पर जर्मनी के संपर्क में भारत
विदेश सचिव ने बताया कि अरिहा शाह के मामले को शुक्रवार की बैठक में उठाया गया। उन्होंने जर्मन अधिकारियों को बताया कि एक भारतीय बच्ची का ऐसे गैर-परिवारिक वातावरण में रहना, जो सांस्कृतिक और भाषाई रूप से असंगत है, अप्राकृतिक है और इसका समाधान जरूरी है। चांसलर शोल्ज ने आश्वासन दिया कि वह इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और दोनों पक्ष संपर्क में रहेंगे।
भारतीयों के लिए वीजा की संख्या बढ़ीपीएम मोदी ने जर्मन बिजनेस के एशिया-पैसिफिक सम्मेलन में घोषणा की कि जर्मनी ने कुशल भारतीयों के लिए वीजा की संख्या 20,000 से बढ़ाकर 90,000 प्रति वर्ष करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इससे जर्मनी के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ सम्मेलन में, मोदी ने जर्मनी की रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता को भी उजागर किया, यह बताते हुए कि भारत एक वैश्विक व्यापार और विनिर्माण केंद्र बन रहा है।