लखनऊ, 2 दिसंबर 2025:
साल 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी मानव इतिहास की सबसे भयावह औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी, जिसने पलभर में हजारों जिंदगियां निगल लीं और लाखों लोगों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। इस काले अध्याय को याद करने का उद्देश्य सिर्फ पीड़ितों को श्रद्धांजलि देना नहीं, बल्कि दुनिया को यह समझाना भी है कि प्रदूषण और लापरवाही के खतरे कितने विनाशकारी हो सकते हैं। यही कारण है कि इस त्रासदी के बाद से हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (National Pollution Control Day) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद पर्यावरण सुरक्षा की जागरूकता बढ़ाना और ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकना है।
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस?
2 दिसंबर 1984 की रात 8:30 बजे से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की हवा जहरीली हो रही थी। रात होते ही और 3 तारीख लगते ही ये हवा जहरीली तो रही, लेकिन साथ ही जानलेवा भी हो गई। कारण था यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का लीक होना। इस जहरीली गैस ने कुछ ही घंटों में हजारों लोगों की जान ले ली थी और लाखों लोगों को जीवन भर के लिए बीमारियों और अपंगता से जूझना पड़ा। यह दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी, जिसने देश को प्रदूषण और लापरवाही के खतरों के प्रति जागरूक किया। इसी वजह से 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

क्या है इस दिन का महत्व?
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में यह समझ बढ़ाना है कि प्रदूषण हमारे जीवन और पर्यावरण के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि सुरक्षित इंडस्ट्री (Industrial Safety) कितनी जरूरी है और प्रदूषण रोकने के लिए सरकार तथा नागरिक दोनों को अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। इस दिन सरकार द्वारा बनाई गई पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण की नीतियों के बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाती है ताकि वे समझ सकें कि स्वच्छ हवा, साफ पानी और सुरक्षित पर्यावरण के लिए क्या कदम जरूरी हैं।
क्या होते हैं प्रदूषण के प्रभाव?
प्रदूषण कई तरह का होता है, जैसे वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और भूमि प्रदूषण। यह सभी हमारी सेहत पर गंभीर असर डालते हैं। वायु प्रदूषण से सांस की बीमारियां, दमा, एलर्जी और यहां तक कि कैंसर तक हो सकता है। जल प्रदूषण पीने के पानी को असुरक्षित बना देता है, जबकि भूमि प्रदूषण खेती और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाता है। बढ़ता प्रदूषण जलवायु परिवर्तन का बड़ा कारण भी है।

कैसे कम कर सकते हैं प्रदूषण?
प्रदूषण को रोकने के लिए हम सभी मिलकर छोटे-छोटे कदम उठा सकते हैं-जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना, पेड़ लगाना, कचरे को अलग-अलग रखना और रीसाइक्लिंग करना, बिजली और पानी की बचत करना। ये छोटे प्रयास मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हमें याद दिलाता है कि स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। अगर हम अपनी आदतों में थोड़ा-सा बदलाव करें, तो आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ और हरा-भरा भविष्य दे सकते हैं।






