23 सितम्बर 2024, दिल्ली
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में 26 वर्षीय चार्टर्ड एकाउंटेंट अन्ना सेबेस्टियन पेराइल की आत्महत्या को लेकर दिए गए अपने बयान पर सफाई दी है। यह मामला तब सामने आया जब पेराइल, जो पुणे स्थित एर्न्स्ट एंड यंग (EY) में कार्यरत थीं, कथित कार्यभार और तनाव के चलते जुलाई 2024 में आत्महत्या कर ली थी। सीतारमण ने अपने बयान में इस घटना के मद्देनजर शैक्षणिक संस्थानों में तनाव प्रबंधन पाठ्यक्रमों की आवश्यकता पर बल दिया था, जिससे छात्रों को चुनौतियों का सामना करने में सहायता मिल सके।
उनके इस बयान को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया, जहां विपक्षी नेताओं ने इसे “पीड़िता को दोष देने” के रूप में देखा। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सीतारमण के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह पीड़िता के कार्यस्थल की विषाक्त संस्कृति को नजरअंदाज करता है, जो इस दुखद घटना का कारण बनी।
सीतारमण ने स्पष्ट किया कि उनके बयान का उद्देश्य पीड़िता को दोष देना नहीं था। उन्होंने कहा कि उनके वक्तव्य का मकसद केवल इस बात पर ध्यान दिलाना था कि छात्रों और कर्मचारियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन का समर्थन जरूरी है, ताकि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। साथ ही, उन्होंने इस घटना के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त की और कहा कि किसी भी प्रकार से पीड़िता को दोष नहीं दिया गया था।
यह मामला अब व्यापक चर्चा का विषय बन गया है, और केंद्र सरकार ने इस घटना की जांच का आश्वासन दिया है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय इस घटना की पूरी जांच कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कार्यस्थल का वातावरण वास्तव में असुरक्षित और अत्यधिक तनावपूर्ण था।