चांद पर बनेगा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, भारत-चीन-रूस की संयुक्त परियोजना

Isha Maravi
Isha Maravi



नई दिल्ली, 10 सितंबर 2024:
मानवता के ‘चांद पे है अपुन’ सपने को साकार करने के लिए भारत, चीन और रूस एक नई परियोजना के तहत मिलकर चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने की योजना बना रहे हैं। इस परियोजना का उद्देश्य भविष्य में चंद्रमा पर मानव बस्तियों के लिए स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करना है।

इस महत्वाकांक्षी मिशन की शुरुआत 2026 में होने की संभावना है और इसे 2028 तक पूरा करने की योजना है। यह परियोजना भारत की 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन और एक स्थायी चंद्र आधार स्थापित करने की योजना के अनुरूप है। इस सहयोगात्मक परियोजना के तहत, तीनों देशों के वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञ मिलकर एक ऐसे परमाणु संयंत्र का निर्माण करेंगे जो चंद्रमा की कठोर परिस्थितियों में भी सुचारू रूप से कार्य कर सके।

इस परियोजना के तहत, चंद्रमा पर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना से न केवल चंद्रमा पर भविष्य के मानवीय मिशनों के लिए ऊर्जा आपूर्ति होगी, बल्कि यह अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नया कीर्तिमान भी स्थापित करेगा। तीनों देशों के वैज्ञानिक मिलकर इस चुनौतीपूर्ण मिशन के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी और संसाधनों का उपयोग करेंगे, ताकि चंद्रमा पर सुरक्षित और कुशल ऊर्जा स्रोत उपलब्ध हो सके।

इस परियोजना के लिए प्रारंभिक अध्ययन और योजना पर काम शुरू हो चुका है, और अगले दो वर्षों में इस पर और तेजी लाई जाएगी। परियोजना के तहत चंद्रमा पर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना का काम एक बड़ा वैज्ञानिक और तकनीकी मील का पत्थर साबित होगा, जो चंद्रमा पर मानव बस्तियों के सपने को वास्तविकता में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भारत, चीन और रूस के इस संयुक्त प्रयास से अंतरिक्ष में शक्ति संतुलन और सहयोग के नए आयाम खुलेंगे, जो भविष्य में चंद्रमा पर मानव उपस्थिति को स्थायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

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