ऑस्टियोपोरोसिस: महिलाओं में अधिक आम

Isha Maravi
Isha Maravi



नई दिल्ली, 13 सितंबर 2024 – ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं, जिससे हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या महिलाओं में अधिक पाई जाती है और अक्सर कई वर्षों तक बिना किसी स्पष्ट लक्षण के बनी रहती है, जिसके कारण इसका निदान और उपचार देर से हो पाता है।

महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस क्यों अधिक आम है?

महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस अधिक आम होने के पीछे कई कारण होते हैं। प्रमुख कारणों में से एक है हॉर्मोनल परिवर्तन। महिलाओं में मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के दौरान एस्ट्रोजन हॉर्मोन का स्तर तेजी से घट जाता है। एस्ट्रोजन हड्डियों को मजबूत रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसके स्तर में गिरावट हड्डियों के घनत्व में कमी का कारण बनती है। इसके अलावा, महिलाओं की हड्डियों का आकार और घनत्व पुरुषों की तुलना में कम होता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा और भी बढ़ जाता है।

ऑस्टियोपोरोसिस का पता देर से क्यों चलता है?

ऑस्टियोपोरोसिस को “मूक रोग” के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसके लक्षण अक्सर तब तक प्रकट नहीं होते जब तक हड्डी में दरार या फ्रैक्चर न हो जाए। शुरुआती चरणों में, हड्डियों के घनत्व में कमी के कोई स्पष्ट संकेत नहीं होते हैं। इस कारणवश, कई बार लोग सामान्य हड्डी के दर्द को उम्र का असर या अन्य सामान्य समस्याओं के रूप में लेते हैं और जांच कराने में देरी कर देते हैं। यही वजह है कि ऑस्टियोपोरोसिस का निदान अक्सर कई वर्षों तक नहीं हो पाता।

ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के उपाय

ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय महत्वपूर्ण हैं:

1. स्वस्थ आहार: कैल्शियम और विटामिन D का पर्याप्त सेवन हड्डियों को मजबूत रखने में सहायक होता है। डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स और मछली जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।


2. नियमित व्यायाम: वजन उठाने वाले और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वाले व्यायाम हड्डियों को मजबूत करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से 30 मिनट की पैदल चलना, योग और हल्के व्यायाम भी लाभकारी होते हैं।


3. धूप का सेवन: विटामिन D का मुख्य स्रोत सूर्य की किरणें हैं। रोजाना कम से कम 15-20 मिनट धूप में रहना आवश्यक है।


4. धूम्रपान और शराब का सेवन कम करें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन हड्डियों को कमजोर करता है, इसलिए इनसे बचना चाहिए।


5. नियमित जांच: महिलाओं को 50 वर्ष की उम्र के बाद और विशेषकर मेनोपॉज के बाद नियमित रूप से हड्डियों की जांच करानी चाहिए, ताकि ऑस्टियोपोरोसिस का प्रारंभिक चरण में ही पता लगाया जा सके।


6. दवाइयों का सेवन: अगर कोई ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयों का सेवन करना चाहिए।



निष्कर्ष

ऑस्टियोपोरोसिस महिलाओं में अधिक आम है और अक्सर इसके लक्षण कई वर्षों तक नहीं दिखाई देते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है, लेकिन सही आहार, व्यायाम, और नियमित जांच से इसे रोका जा सकता है। महिलाओं को अपनी हड्डियों की सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए और समय-समय पर अपने डॉक्टर से परामर्श लेते रहना चाहिए, ताकि वे स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकें।

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