प्रधानमंत्री मोदी नहीं देंगे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण, विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

Isha Maravi
Isha Maravi



नई दिल्ली, 28 सितंबर 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 78वें सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे। 28 सितंबर 2024 को न्यूयॉर्क में होने वाले इस महत्वपूर्ण सत्र में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर भाषण देंगे। यह निर्णय प्रधानमंत्री मोदी की अंतरराष्ट्रीय व्यस्तताओं के कारण लिया गया है। जयशंकर के संबोधन पर अब सभी की नजरें टिकी होंगी, क्योंकि यह ऐसे समय हो रहा है जब भारत की वैश्विक कूटनीति में सक्रिय भूमिका बढ़ती जा रही है।

प्रधानमंत्री की व्यस्तताएँ और भारत की कूटनीति
प्रधानमंत्री मोदी पिछले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेहद सक्रिय रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की और कई द्विपक्षीय वार्ताओं का हिस्सा बने। ऐसे में, प्रधानमंत्री मोदी का UNGA सत्र में शामिल न होने का निर्णय उनके व्यस्त कार्यक्रम के कारण लिया गया है। विदेश मंत्री जयशंकर, जो एक अनुभवी कूटनीतिज्ञ हैं और भारतीय विदेश नीति को दिशा देने में अहम भूमिका निभाते हैं, इस सत्र में भारत की ओर से विभिन्न मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोण पेश करेंगे।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) का सत्र हर साल अंतरराष्ट्रीय राजनीति, सुरक्षा, विकास और वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक प्रमुख मंच होता है। इस वर्ष का सत्र खासतौर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि वैश्विक परिदृश्य में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिनमें यूक्रेन संकट, जलवायु परिवर्तन, और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। भारत, जो अब वैश्विक मंच पर एक मजबूत आवाज बनकर उभरा है, इन मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत करेगा। जयशंकर के संबोधन में इन चुनौतियों पर भारत की स्थिर और संतुलित दृष्टिकोण पर जोर रहने की उम्मीद है।

जयशंकर की भूमिका और संभावित एजेंडा
एस. जयशंकर, जो कि एक अनुभवी कूटनीतिज्ञ और विदेश मंत्री हैं, इस सत्र में भारत के प्रमुख कूटनीतिक मुद्दों को उठाएंगे। भारत इस बार सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग को फिर से जोरदार तरीके से रख सकता है। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन, विकासशील देशों की समस्याएं, और वैश्विक शांति और सुरक्षा जैसे मुद्दे भी जयशंकर के भाषण में प्रमुखता से शामिल हो सकते हैं। जयशंकर का संबोधन इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत की भूमिका को और भी मजबूत करेगा।

भारत की UNGA में लगातार बढ़ती भूमिका
भारत की संयुक्त राष्ट्र महासभा में लगातार बढ़ती भूमिका को देखते हुए जयशंकर का यह भाषण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी महत्वपूर्ण होगा। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने वैश्विक स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिरता, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर अग्रणी भूमिका निभाई है। इसके अलावा, वैश्विक मंचों पर भारत के सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी सक्रियता दिखी है। जयशंकर का भाषण भारत की इसी भूमिका को और भी सशक्त रूप में प्रस्तुत करेगा।

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