रायपुर में मार्गों और चौक-चौराहों के नामकरण पर विवाद, सुझावों को लेकर उठे विवाद

Isha Maravi
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**रायपुर**। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नामकरण की राजनीति ने जोर पकड़ लिया है। इस बार सियासत की आग को हवा दी है साय सरकार द्वारा बनाई गई एक समिति ने, जिसका काम नवा रायपुर के प्रमुख मार्गों और चौक-चौराहों के नामकरण के लिए सुझाव देना है। इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष दीपक बैज ने तीखा तंज कसा है। बैज ने कहा कि बीजेपी सरकार के पास वास्तविक काम करने के लिए कुछ नहीं बचा है, इसलिए वे कभी सरकारी योजनाओं को बंद कर रही हैं, तो कभी नाम बदलने में अपना समय बर्बाद कर रही हैं।

दीपक बैज के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बैज के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नवा रायपुर को बसाने और संवारने का काम बीजेपी ने ही किया है, और कांग्रेस ने पिछले पांच साल में वहां कोई महत्वपूर्ण काम नहीं किया।

गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “नवा रायपुर को बीजेपी ने बसाया था और इसे संवारने का काम भी बीजेपी ही करेगी। कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में नया रायपुर के विकास के लिए कुछ नहीं किया।” वहीं, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि नवा रायपुर में किए गए नामकरण पर अंतिम निर्णय समिति की बैठक में लिया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीजेपी की मंशा किसी दूसरे द्वारा स्थापित चीजों को बदलने की नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय और राज्य के महापुरुषों के नामों को उचित सम्मान और गरिमा देना हमारी प्राथमिकता है।

इस नामकरण विवाद ने राज्य की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मचा दी है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच इस मुद्दे को लेकर जुबानी जंग जारी है, और दोनों दल अपने-अपने पक्ष को सही साबित करने में जुटे हैं। जनता की नजरें अब इस बात पर हैं कि नवा रायपुर के विकास और नामकरण को लेकर आखिरकार क्या निर्णय लिया जाएगा, और क्या यह सियासी खेल राज्य के विकास में कोई सकारात्मक योगदान देगा या सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तक ही सीमित रहेगा।

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