छत्तीसगढ़ के दर्जी की मृत बताई गई पत्नी और बेटियों के जिंदा लौटने से सनसनी, पुलिस ने मांगी अज्ञात शवों की जानकारी

Isha Maravi
Isha Maravi



रायगढ़, 2 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के एक दर्जी, अबुल हसन (45) को उस समय बड़ा झटका लगा जब उन्होंने पाया कि उनकी मृत बताई गई पत्नी और दो बेटियाँ वास्तव में जीवित हैं। यह चौंकाने वाली घटना तब सामने आई जब रायगढ़ पुलिस ने पिछले साल अगस्त में उन्हें तीन अज्ञात शव सौंप दिए थे, जिन्हें उन्होंने अपनी पत्नी और बेटियों के रूप में पहचाना था।

यह घटना 8 अगस्त 2023 को शुरू हुई जब अबुल हसन की पत्नी, राबिया (38), घरेलू विवाद के कारण बलरामपुर के पस्ता स्थित अपने घर से अपनी दो बेटियों के साथ निकल गई। बेटियों की उम्र छह और तीन वर्ष थी। हसन ने तुरंत स्थानीय पस्ता पुलिस थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

कुछ ही दिनों बाद, 14 अगस्त को, रायगढ़ पुलिस को देहजरी नदी में एक महिला और दो बच्चियों के शव मिले। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि महिला की मृत्यु आत्महत्या के कारण हुई थी। गुमशुदगी की रिपोर्ट के कारण रायगढ़ पुलिस ने हसन को बुलाया और शवों की पहचान करने को कहा। हसन ने शवों को अपनी पत्नी और बेटियों के रूप में पहचाना, जिसके बाद पुलिस ने शवों को उन्हें सौंप दिया।

हालांकि, पुलिस ने शव सौंपने से पहले डीएनए नमूने नहीं लिए थे। इस मामले में रायगढ़ पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि उस समय डीएनए परीक्षण नहीं किया गया था। इसके बाद हसन ने शवों का अंतिम संस्कार कर दिया और मान लिया कि उनकी पत्नी और बेटियाँ अब इस दुनिया में नहीं हैं।

एक साल बाद, हसन को एक सूचना मिली जिसने उनके जीवन को फिर से उलट-पुलट कर दिया। जुलाई 2024 में, उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी और बेटियाँ झारखंड में अपने माता-पिता के घर पर रह रही थीं। हसन ने अपनी पत्नी से संपर्क किया और पाया कि वह जीवित हैं। इसके बाद वे फिर से एक साथ रहने लगे, लेकिन उन्होंने इस बात की जानकारी पुलिस को नहीं दी।

जब राबिया के घर लौटने की खबर फैली, तो पुलिस को मुखबिरों से इस बारे में सूचना मिली। पस्ता पुलिस स्टेशन के प्रभारी विमलेश सिंह ने कहा, “महिला झारखंड की रहने वाली है। अपने पति से झगड़ा करने के बाद वह घर छोड़कर राजस्थान चली गई थी। कुछ महीनों तक वहां रहने के बाद, आर्थिक परेशानियों के कारण वह अपने माता-पिता के घर लौट आई।”

रायगढ़ पुलिस अब उस महिला और बच्चियों के शवों की पहचान के लिए विज्ञापन दे रही है, जिन्हें पिछले साल हसन ने अपनी पत्नी और बेटियों के रूप में पहचाना था। रायगढ़ पुलिस के अतिरिक्त एसपी, आकाश मर्कम ने कहा, “उस समय, हसन ने शवों की पहचान की और हमने उन्हें सौंप दिया। अब हम उन तीन व्यक्तियों की पहचान के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और उनके परिवार के सदस्यों को ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं।”

यह घटना कई सवाल खड़े करती है, विशेष रूप से पुलिस की लापरवाही पर। डीएनए परीक्षण के बिना शवों की पहचान और सौंपने की प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। अब जब वास्तविकता सामने आ चुकी है, पुलिस शवों को कब्र से निकालने और सही पहचान के लिए आवश्यक कानूनी कदम उठाने पर विचार कर रही है।

इस घटना ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है और पुलिस को अब उन शवों की वास्तविक पहचान करने के लिए गहन जांच करनी पड़ रही है, जिन्हें हसन ने गलती से अपनी पत्नी और बेटियों के रूप में पहचाना था। इस मामले में आगे क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन यह घटना पुलिस और समाज के लिए एक बड़ी चेतावनी के रूप में उभरी है।

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