दिल्ली, 24 सितंबर 2024
स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति सोते समय या जागने के दौरान अस्थायी रूप से अपने शरीर को हिला नहीं पाता है। यह स्थिति आमतौर पर कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक बनी रहती है। स्लीप पैरालिसिस एक भयानक अनुभव हो सकता है क्योंकि इसमें व्यक्ति को अपने शरीर पर नियंत्रण खोने के साथ-साथ अक्सर डरावने दृश्य या आवाजें भी सुनाई दे सकती हैं। इसे सामान्य रूप से “नींद की लकवा मारना” भी कहा जाता है।
स्लीप पैरालिसिस क्या है?
स्लीप पैरालिसिस उस समय होता है जब आपका दिमाग जागता है लेकिन आपका शरीर REM (रैपिड आई मूवमेंट) नींद की अवस्था में होता है। इस अवस्था में आपका मस्तिष्क सक्रिय होता है, लेकिन आपका शरीर पूरी तरह से स्थिर रहता है। यही कारण है कि इस दौरान आप हिलने-डुलने या बोलने में असमर्थ होते हैं।
इसके लक्षण
स्लीप पैरालिसिस के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
जागने के बाद शरीर को हिला नहीं पाना।
एक भारीपन या दबाव महसूस करना, विशेषकर छाती पर।
डरावनी आवाजें या अजीब दृश्य देखना।
सांस लेने में कठिनाई महसूस करना।
स्लीप पैरालिसिस के कारण
स्लीप पैरालिसिस के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
नींद की कमी: पर्याप्त नींद न लेने से यह समस्या हो सकती है।
तनाव: अत्यधिक मानसिक तनाव और चिंता भी स्लीप पैरालिसिस का कारण बन सकते हैं।
अनियमित नींद का समय: जिन लोगों का नींद का समय अनियमित होता है, उनमें इस समस्या की संभावना अधिक होती है।
इसे कैसे नियंत्रित करें?
पर्याप्त नींद: नियमित और पर्याप्त नींद लेने से इस समस्या को कम किया जा सकता है।
तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीकों से तनाव को कम किया जा सकता है।
सोने का नियमित समय: सोने और जागने का एक निर्धारित समय बनाएं।
स्लीप पैरालिसिस: जागने के बाद शरीर का जाम हो जाना
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