रायपुर, 8 सितंबर 2024 – सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में छत्तीसगढ़ में एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी की पत्नी की संदिग्ध मौत के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला लंबे समय से विवादों में था, और मृतका के परिवार ने स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई को इसे प्राथमिकता के आधार पर जांचने का निर्देश दिया है।
घटना का विवरण
2016 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी की पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। शुरूआत में इसे एक आत्महत्या का मामला बताया गया था, लेकिन मृतका के परिवार ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे हत्या करार दिया। परिवार का दावा था कि इस घटना के पीछे कई अहम पहलू हैं, जिन्हें अनदेखा किया जा रहा है और उन्होंने स्थानीय पुलिस की जांच पर असंतोष जाहिर किया था।
मृतका के परिवार ने न्यायिक अधिकारी पर भी आरोप लगाए थे और मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनका कहना था कि मामले की जांच सही दिशा में नहीं हो रही है और प्रभावशाली लोगों द्वारा इसे प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए स्थानीय पुलिस की जांच पर सवाल उठाए और सीबीआई से इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि यह मामला न केवल न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है, बल्कि इससे न्याय के प्रति लोगों का विश्वास भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इसे सीबीआई को सौंपना जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मृतका के परिवार के आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सीबीआई इस मामले की जांच करेगी और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी तरह के प्रभाव से बचने के लिए जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।
मृतका के परिवार की प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मृतका के परिवार ने संतोष जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से इस मामले में न्याय की मांग कर रहे थे और अब उन्हें उम्मीद है कि सीबीआई जांच से सच्चाई सामने आएगी। परिवार ने उम्मीद जताई कि दोषियों को सजा मिलेगी और उन्हें न्याय मिलेगा।
समाज पर प्रभाव
इस मामले ने छत्तीसगढ़ में न्यायपालिका और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी की पत्नी की संदिग्ध मौत और इस पर उठे विवादों ने न्यायिक अधिकारियों के आचरण और प्रणाली की पारदर्शिता को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। समाज में इस बात की चर्चा है कि जब न्यायपालिका से जुड़े मामलों में इस तरह की गड़बड़ी हो सकती है, तो आम आदमी को न्याय मिलना कितना मुश्किल हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में छत्तीसगढ़ में न्यायिक अधिकारी की पत्नी की मौत की सीबीआई जांच के आदेश दिए
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