आखिर महिलाओं को ही क्यों निशाना बनाता है तालिबान ?

Shubham Singh
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तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने नए कानूनों को मंजूरी दे दी है. तालिबान ने इन कानूनों को ‘अच्छाई’ और ‘बुराई’ दो कैटेगरी में बांटा है. इसमें कहा गया है कि महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर हर समय अपने शरीर और चेहरे को मोटे कपड़े से पूरी तरह ढंक कर रखना चाहिए ताकि पुरुषों को बुराई की तरफ जाने से बचाया जा सके.

दि गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, इन कानूनों में कहा गया है कि महिलाओं की आवाज से भी पुरुषों का मन भटक सकता है. इसलिए उन्हें सार्वजनिक जगहों पर बोलने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा महिलाओं को घर में गाने या तेज आवाज में पढ़ने से भी मना किया गया है.

नए कानूनों के मुताबिक, जब भी कोई वयस्क महिला जरूरी पड़ने पर घर से बाहर जाती है तो उसे अपनी आवाज, शरीर और चेहरा छिपाना अनिवार्य होगा. इसके अलावा अफगान महिलाएं सीधे उन पुरुषों को नहीं देख सकतीं, जिनसे उनका ब्लड रिलेशन या वैवाहिक संबंध नहीं है. यदि कोई टैक्सी चालक किसी अकेली महिला को टैक्सी में बिठाएगा तो उसे दंडित किया जाएगा.

 इन कानूनों के तहत महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर बोलने और चेहरा दिखाने पर बैन लगा दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने इन प्रतिबंधों की निंदा की है. और मानवाधिकार समूहों ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. 

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