National

शेयर बाजार में क्यों हो रही गिरावट? लोकसभा में पूछा गया सवाल तो मोदी सरकार ने पेश किए चौंकाने वाले आंकड़े

10 मार्च , 2025 :

Institutional investment In India: विदेशी संस्थागत निवेशकों के इतने बड़े पैमाने पर पैसा निकालने से बाजार और बुरी तरह चरमरा सकता था, लेकिन उसको घरेलू संस्थागत निवेशकों ने संभाला.

Institutional investment In India: शेयर बाजार में चल रही उथल-पुथल को लेकर लोकसभा में पूछा गया एक सवाल. सवाल में पूछा गया कि 2023 और 2024 में विदेशी संस्थागत निवेशक क्या वाकई में कम हुए हैं और उसका असर शेयर बाजार पर पड़ा है. इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्रालय ने जो आंकड़े पेश किये वो यही बता रहे हैं कि साल 2023 की तुलना में 2024 में विदेशी संस्थागत निवेश कई हजार करोड़ कम हो गया है.

लोकसभा में दिए गए जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया है कि साल 2023 में विदेशी संस्थागत निवेश जहां एक 1,71,107 करोड़ का था तो वही मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत से लेकर दिसंबर 2024 तक यानी 6 महीना के दौरान यह विदेशी संस्थागत निवेश गिरकर 23,791 करोड़ पर आ गया. यानी 2023 में विदेशी संस्थागत निवेशक भारत के शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर पैसा निवेश कर रहे थे लेकिन जून 2024 से लेकर दिसंबर 2024 के विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बड़े पैमाने पर भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाला.

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 6 महीनों में बढ़ा निवेश

हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों के इतने बड़े पैमाने पर पैसा निकालने से बाजार और बुरी तरह चरमरा सकता था, लेकिन उसको घरेलू संस्थागत निवेशकों ने संभाला. जहां साल 2023 में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 1,13,278 करोड रुपए निवेश किया तो वहीं मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत से लेकर दिसंबर 2024 तक यानी शुरुआती 6 महीना में यह निवेश बढ़कर 3,12,988 करोड रुपए तक पहुंच गया.

जून से दिसंबर 2024 तक बड़े पैमाने पर बजारा से निकाला गया पैसा

वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब से साफ है कि जहां जून 2024 से लेकर दिसंबर 2024 तक विदेशी संस्थागत निवेशक बड़े पैमाने पर भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे थे तो वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक बाजार में पैसा डाल रहे थे. इसी के चलते भारतीय शेयर बाजार में जो गिरावट दर्ज की गई वह और ज्यादा बड़ी हो सकती थी, लेकिन क्योंकि घरेलू संस्थागत निवेशों ने बड़े पैमाने पर खरीददारी की. लिहाजा जितनी बड़ी गिरावट की आशंका बन रही थी, उसको कुछ हद तक संभाला जा सका. घरेलू संस्था के निवेशकों की खरीदारी का मतलब यह भी है कि भारतीय निवेशक कैसे सेंटीमेंट भारतीय शेयर बाजार को लेकर ज्यादा उम्मीद भरे हैं और इसका फायदा उन निवेशकों को मिलता हुआ नजर भी आएगा जिन्होंने इस बाजार में अपने पैसे को लगाया है. क्योंकि जैसे बाजार सुधरेगा निवेशकों को मुनाफे के तौर पर वह फायदा नजर आएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button