विलियम वर्ड्सवर्थ: प्रकृति के कवि

Isha Maravi
Isha Maravi



दिल्ली, 24 सितंबर 2024
विलियम वर्ड्सवर्थ, जिन्हें अंग्रेज़ी साहित्य के महानतम कवियों में से एक माना जाता है, का जन्म 7 अप्रैल 1770 को इंग्लैंड के कॉकर्माउथ में हुआ था। वर्ड्सवर्थ को मुख्य रूप से उनके प्रकृति प्रेम के लिए जाना जाता है। वे रोमांटिक युग के एक प्रमुख कवि थे, और उनकी रचनाओं ने साहित्य जगत में गहरी छाप छोड़ी। उनकी कविताएँ प्राकृतिक सुंदरता और मानवीय भावनाओं के बीच संबंध को दर्शाती हैं।

वर्ड्सवर्थ की सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में “द ल्यूसी पोयम्स” और “डैफ़ोडिल्स” शामिल हैं, जिनमें उन्होंने प्रकृति के साथ मानवीय अनुभवों को खूबसूरती से जोड़ा। उनका मानना था कि प्रकृति ही जीवन का असली स्रोत है और वह इंसान के मानसिक और भावनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

साहित्यिक योगदान

वर्ड्सवर्थ की कविता का प्रमुख उद्देश्य मानव और प्रकृति के बीच के अटूट संबंध को उजागर करना था। 1798 में उन्होंने अपने दोस्त सैमुअल टेलर कोलरिज के साथ मिलकर “लिरिकल बैलेड्स” का प्रकाशन किया, जिसे अंग्रेजी रोमांटिक आंदोलन की शुरुआत माना जाता है। इस काव्य संग्रह ने अंग्रेजी साहित्य को एक नई दिशा दी और रोमांटिक युग के साहित्यिक आंदोलन का नेतृत्व किया।

उनकी कृति “द प्रेल्यूड”, जो एक आत्मकथात्मक महाकाव्य है, को उनकी सबसे महत्वपूर्ण रचना माना जाता है। इसमें उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों और भावनाओं को व्यक्त किया है, और यह उनकी साहित्यिक दृष्टिकोण का उत्कृष्ट उदाहरण है।

वर्ड्सवर्थ की मृत्यु और विरासत

विलियम वर्ड्सवर्थ की मृत्यु 23 अप्रैल 1850 को हुई। उनकी रचनाओं ने आने वाली पीढ़ियों के कवियों और साहित्यकारों को प्रेरित किया। वर्ड्सवर्थ की कविता आज भी दुनिया भर में पढ़ी और सराही जाती है, और वह साहित्य के छात्रों और प्रकृति प्रेमियों के बीच एक लोकप्रिय नाम बने हुए हैं।

उनकी कविताएँ इस बात का प्रमाण हैं कि प्रकृति में न केवल सुंदरता है, बल्कि एक गहरा जीवन दर्शन भी छिपा है, जिसे वर्ड्सवर्थ ने अपने शब्दों के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया।

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