भारत की बड़ी सफलता: लद्दाख के 4 क्षेत्रों से चीनी सैनिकों की वापसी

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अनिता चौधरी
वरिष्ठ पत्रकार

नयी दिल्ली, 14 सितंबर 2024


भारत चीन सीमा पर चार साल से अटके विवाद में भारत को बड़ी सफलता हाथ लगी है और लद्दाख के चार इलाकों से चीन ने सैनिकों की वापसी कर ली है।

चार साल पुराना यह विवाद उच्च स्तरीय वार्ता के बाद सुलझ गया है। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच उच्च स्तरीय वार्ता के बाद चीन ने लद्दाख सीमा के चार प्रमुख इलाकों से PLA सैनिकों की वापसी की पुष्टि की है। जिसमें गलवान घाटी भी शामिल है।

यही नही, दोनों पक्षों ने शेष सीमा विवादों को सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयासों में तेजी लाने पर सहमति भी जताई है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बयान जारी करते हुए कहा है कि “चीन-भारत सीमा पर स्थिति आम तौर पर स्थिर और नियंत्रण में है ।

चीनी विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा जिनेवा में दिए गए के एक दिन बाद आई है। जयशंकर ने कहा था कि चीन के साथ ‘सैनिकों की वापसी से जुड़ी समस्याओं’ का लगभग 75 प्रतिशत समाधान हो गया है, लेकिन बड़ा मुद्दा सीमा पर बढ़ता सैन्यीकरण है। वहीं सैनिकों की वापसी पर हाल की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उम्मीद जताई कि जल्द ही इस क्षेत्र में सीमा विवाद पर दोनों देश पूर्ण समाधान की तरफ़ बढ़ेंगे।

PLA की इस क्षेत्र से यह वापसी दोनों देशों के बीच तनाव को स्थिर करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। महत्वपूर्ण है कि चीन के इस फ़ैसले के साथ ही इस क्षेत्र में 2020 यानी पिछले चार साल से दोनों देशों के बीच चला आ रहा गतिरोध समाप्त होने की दिशा में मोदी सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है

बता दें कि अभी गुरुवार को ही रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच उच्च स्तरीय वार्ता हुई थी । अपनी प्रेस वार्ता में चीनी प्रवक्ता माओ निंग ने कहा है कि 12 सितंबर को, निदेशक वांग यी ने सेंट पीटर्सबर्ग में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने सीमा मुद्दों पर हाल ही में हुई बातचीत में हुई प्रगति पर चर्चा की और दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी आम सहमति को आगे बढ़ाने, आपसी समझ और विश्वास को बढ़ाने, द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के लिए माहौल बनाने और इस दिशा में संवाद बनाए रखने पर सहमति जताई।

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