नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर 2024:
मनी लॉन्ड्रिंग और नफरती भाषणों के आरोप में भारत में वांछित भगोड़ा ज़ाकिर नाइक ने हाल ही में पाकिस्तान में एक मस्जिद में लश्कर-ए-तैयबा (LET) के आतंकियों के साथ मुलाकात की, जिससे वैश्विक सुरक्षा समुदाय में अलार्म बेल बजने लगे हैं। लाहौर की प्रसिद्ध बादशाही मस्जिद में नाइक ने आतंकियों फैसल नदीम, मोहम्मद हारिस डार और मुजम्मिल इकबाल हाशमी से गुप्त बातचीत की, जिन्हें अमेरिका द्वारा 2008 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया गया था।
इस भव्य आयोजन में, नाइक ने करीब 1.5 लाख लोगों की भीड़ को संबोधित किया, जिसमें पाकिस्तान पुलिस द्वारा कड़े सुरक्षा उपायों का ध्यान रखा गया। इस मुलाकात ने न केवल नाइक की पाकिस्तान यात्रा के पीछे के इरादों पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह यहाँ क्या हासिल करने आया है।
पाकिस्तान सरकार के निमंत्रण पर पहुंचे नाइक की लश्कर के आतंकियों के साथ यह भेंट-वार्ता विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गई है। भारत ने पहले ही नाइक की इस यात्रा की निंदा की थी, और अब लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों के साथ उसकी निकटता ने नए विवादों को जन्म दिया है।
लश्कर-ए-तैयबा, जो भारत में कई घातक हमलों के लिए ज़िम्मेदार है, विशेष रूप से 2008 का मुंबई हमला, इस मुलाकात के बाद फिर से चर्चा में आ गया है। यात्रा से पहले, लश्कर के सदस्यों ने नाइक की यात्रा को बढ़ावा देने के लिए एक ऑनलाइन अभियान चलाया था। यह भी महत्वपूर्ण है कि नाइक 2016 में भारत से भागकर मलेशिया चला गया था, जब एनआईए ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि आतंकी हमलावरों में से एक उसके भाषणों से प्रभावित था।
नाइक की पाकिस्तान यात्रा और उसके आतंकियों के साथ संबंध ने न केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंता में डाल दिया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत की सुरक्षा चुनौतियाँ कितनी गंभीर हैं।