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महाकुंभ 2025 में किन्नर अखाड़ा ने ममता वशिष्ठ को महामंडलेश्वर की उपाधि दी

महाकुम्भ नगर, 21 जनवरी 2025:

यूपी में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के दौरान, किन्नर अखाड़ा ने परंपरा और रीति-रिवाजों का पालन करते हुए ममता वशिष्ठ को महामंडलेश्वर की उपाधि से सम्मानित किया है। किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने ममता वशिष्ठ का पिंडदान और पट्टाभिषेक किया, जिसमें किन्नर अखाड़े के कई वरिष्ठ सदस्य और महामंडलेश्वर उपस्थित रहे।

सनातन धर्म के प्रति आस्था ने बदला जीवन

दिल्ली की रहने वाली ममता वशिष्ठ की शादी मात्र दो महीने पहले हुई थी। लेकिन सनातन धर्म के प्रति उनकी गहरी आस्था और किन्नर अखाड़े के विचारों ने उन्हें इस अनूठे सफर पर चलने को प्रेरित किया। ममता ने बताया कि बचपन से ही वेद, गीता, और पूजा-पाठ में उनकी विशेष रुचि थी। यही आस्था उन्हें किन्नर अखाड़ा तक ले आई।

परिवार और पति का मिला पूरा समर्थन
ममता ने महामंडलेश्वर बनने से पहले अपने पति संदीप और परिवार से चर्चा की थी। उनके पति और परिवार ने उन्हें न केवल सहमति दी, बल्कि उनके इस निर्णय में पूरा समर्थन भी दिया। यह कदम परिवार के सकारात्मक दृष्टिकोण और सनातन धर्म के प्रति ममता की गहरी आस्था को दर्शाता है।

6 साल पुराना रिश्ता और किन्नर अखाड़ा से जुड़ाव
करीब 6 साल पहले ममता वशिष्ठ किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरी धूलिया के संपर्क में आई थीं। तब से किन्नर अखाड़ा द्वारा सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार और सेवा कार्यों को देखकर उन्होंने अखाड़े में शामिल होने का फैसला किया।

महाकुंभ 2025 में विशेष भूमिका
महाकुंभ 2025 के दौरान ममता वशिष्ठ किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर के रूप में अहम भूमिका निभाएंगी। यह कदम न केवल किन्नर अखाड़े की परंपराओं को सशक्त करेगा, बल्कि समाज में सनातन धर्म के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।
ममता वशिष्ठ ने कहा, “बचपन से ही सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के प्रति मेरी आस्था गहरी थी। महामंडलेश्वर बनना मेरे जीवन का महत्वपूर्ण क्षण है।”
यह ऐतिहासिक कदम महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े की बढ़ती पहचान और समाज में उसके योगदान को रेखांकित करता है।

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