लखनऊ, 27 अप्रैल 2025:
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में 140 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाने के नाम पर दो कारोबारियों से चार करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना नजाहिर हुसैन को एसटीएफ ने लखनऊ के गोमतीनगर से गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से दो मोबाइल फोन, फर्जी आधार कार्ड, फर्जी एफसीआई पहचान पत्र, जाली बैंक ड्राफ्ट, पैन कार्ड, टेंडर से जुड़े दस्तावेज आदि बरामद हुए हैं।
एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार नजाहिर हुसैन मूलरूप से बरेली के नवाबगंज अभयराजपुर का रहने वाला है। वह इंटरमीडिएट तक पढ़ा है। उसने फर्जीवाड़े के लिए चौक, लखनऊ निवासी अरविंद चौहान और दिल्ली निवासी सागर खंडेलवाल के नाम पर नकली आधार कार्ड बनवाए थे। नजाहिर खुद को एफसीआई का अधिकारी बताकर लखनऊ के कारोबारी रफत मुईन और जियाउद्दीन को झांसे में ले लिया।
ऐसे रची गई ठगी की साजिश
एसटीएफ के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि खुर्रमनगर निवासी कारोबारी रफत मुईन और जियाउद्दीन ने शिकायत दर्ज कराई थी कि एफसीआई से चावल आपूर्ति का 140 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाने के नाम पर उनसे पांच करोड़ रुपये की मांग की गई थी। फर्जी दस्तावेजों के जरिये विश्वास में लेकर आरोपियों ने चार करोड़ रुपये वसूल लिए। जब बची हुई एक करोड़ की रकम नहीं दी गई तो टेंडर रद्द होने का दबाव बनाया जाने लगा।
सूचना मिलने पर शुक्रवार को एसटीएफ ने जाल बिछाया और नजाहिर को गोमतीनगर से धर दबोचा। पूछताछ में नजाहिर ने खुलासा किया कि उसने एफसीआई के एम-वैल्यू जंक्शन पोर्टल पर पंजीकरण कराने और फर्जी दस्तावेज तैयार कराने के नाम पर सितंबर 2024 में जाली एफसीआई निदेशक के हस्ताक्षरयुक्त कागजात पीड़ितों को सौंपे थे। साथ ही, अलग-अलग बैंकों से 14 करोड़ रुपये के जाली डिमांड ड्राफ्ट भी तैयार कराए गए थे।
पहले भी ठगी में जा चुका है जेल
नजाहिर ने यह भी बताया कि वर्ष 2023 में उसने महाराष्ट्र के ठाणे के काशीमीरा थाने में दर्ज एक अन्य मामले में भी 40 लाख रुपये की ठगी की थी, जिसमें वह दो माह जेल भी काट चुका है। एसटीएफ अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।