अनमोल शर्मा
मेरठ, 20 जून 2025:
तपती गर्मी में जहां लोग सुकून की तलाश में घूमने की जगह ढूंढते हैं, वहीं मेरठ से करीब 25 किलोमीटर दूर खजूरी गांव अब एक नई पहचान बनकर उभरा है। यहां के लोगों ने मिलकर एक गंदगी से भरे पुराने तालाब को न सिर्फ जीवंत किया, बल्कि उसे एक खूबसूरत पिकनिक स्पॉट और बर्ड सेंचुरी में तब्दील कर दिया है।
पहले जहां बदबू और कूड़े के ढेर थे, अब वहां हरे-भरे पेड़, औषधीय पौधे, बच्चों के लिए झूले, वॉकिंग ट्रैक और सेल्फी प्वाइंट हैं। तालाब के किनारे अब चाय और स्नैक्स की दुकानों पर इको-फ्रेंडली कप में चाय दी जाती है, जो पीने के बाद खाई जा सकती है। ग्राम प्रधान अफसाना की अगुवाई में और तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में यह बदलाव संभव हो पाया।
लगभग 9 लाख रुपये की लागत से इस परियोजना को निजी संस्था के सहयोग से विकसित किया गया है। अब यहां बर्ड सेंचुरी में कई पक्षियों की प्रजातियां आने लगी हैं और गांव को पर्यावरण के साथ आर्थिक लाभ भी हो रहा है। यह बदलाव बताता है कि अगर इच्छा हो तो गांव भी पर्यटन और आत्मनिर्भरता का मॉडल बन सकते हैं।