
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 13 जुलाई 2025:
यूपी के गोरखपुर जिले में रविवार को आम आदमी पार्टी ने पूर्वांचल प्रांत के कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया। इस दौरान पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव आयोग की मदद से बिहार में बड़ा घपला करने की तैयारी में है। कहा कि इस सम्मेलन से सत्ता को साफ संदेश है यूपी में अब ‘शिक्षा-स्वास्थ्य-बिजली-पानी’ की राजनीति होगी।
संजय सिंह ने कहा उत्तर प्रदेश के जिलों में 8-10 घंटे बिजली की कटौती होती है। भीषण गर्मी के अंदर बिजली का दाम 45 प्रतिशत तक बढ़ाए जा रहे हैं। बिजली का निजीकरण करने के लिए सरकार उतारू है। बिजली विभाग घाटे में नहीं है बिजली विभाग को जानबूझकर घाटे में दिखाया जा रहा है। बिजली विभाग की संपत्तियां पूंजीपतियों को दे दी जाएगी। भारतीय जनता पार्टी पूंजीपतियों व शिक्षा माफियाओं के लिए काम कर रही है। जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश में जिन मुद्दों और वादों को लेकर भाजपा आई थी, आज ठीक उसके विपरीत कार्य किया जा रहा है। खासतौर से शिक्षा के सवाल पर, स्कूलों को खोलना तो दूर उन्हें बंद करने का अभियान चला रखा है। उत्तर प्रदेश में 26 हजार सरकारी स्कूल पहले बंद हो चुके हैं। 27 हजार सरकारी स्कूल अब नए बंद होने जा रहे हैं। 4 हजार सरकारी स्कूल बंद करने का आदेश हो गया है। हर जिले में सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं। ग्रामीण इलाके की जो दलित बस्तियां हैं जहां पर पिछड़े , शोषित ,वंचित, लोग रहते हैं वहां टारगेट करके स्कूल बंद कर रहे हैं।
बिहार में चुनाव को लेकर आयोग ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण करने की बात कही है। इसे एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिप रिवीजन) कह रहे हैं। एक महीने के अंदर आपको अपना जन्म प्रमाण पत्र अपने मां-बाप का जन्म प्रमाण पत्र दिखाना पड़ेगा। बिहार के करोड़ों लोगों से भाजपा सरकार चाहती है कि वे अपना व अपने पूरे परिवार का जन्म प्रमाण पत्र दिखाएं। बिहार के चुनाव में चुनाव आयोग की मदद से भारतीय जनता पार्टी बड़ा घपला करना चाहती है इसीलिए इस कानून को लाया गया है।
बिहार चुनाव में ‘आप’ को इंडिया गठबंधन से अलग करने के सवाल पर कहा कि इंडिया गठबंधन का प्रमुख दल कांग्रेस पार्टी है। दुर्भाग्य से जो गंभीरता इंडिया गठबंधन को लेकर कांग्रेस को दिखानी थी, वो नहीं दिखाई गई। लोकसभा के चुनाव के बाद एक भी बैठक कांग्रेस ने नहीं बुलाई। हरियाणा में बैठक कर जीत सकते थे लेकिन अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयानबाजी की। पहले हमसे कहा 6 सीट देंगे. फिर 4 फिर 2 सीट देंगे कहा, इसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ करके घूमने लगे। दिल्ली चुनाव भाजपा जीती तो कांग्रेसी नाच रहे थे तो इसे कौन सा गठबंधन कहें।