
शिमला | 16 जुलाई 2025
हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार कहर बनकर टूटा है। पिछले 25 दिनों से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भूस्खलन, सड़क धंसने और बाढ़ जैसे हालातों के चलते अब तक राज्य में 105 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 35 लोग अब भी लापता हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा में कुल 186 लोग घायल हुए हैं। 1046 घर पूरी तरह या आंशिक रूप से नष्ट हो गए हैं, जबकि 188 दुकानें और 798 गौशालाएं भी तबाह हो चुकी हैं। अकेले मंडी जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां 21 लोगों की जान गई है, 856 घर, 188 दुकानें और 644 गौशालाएं प्रभावित हुई हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक राज्य को करीब 786 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। जल शक्ति विभाग को सर्वाधिक 414 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है। वहीं, कृषि और पशुपालन विभाग को भी भारी नुकसान हुआ है। 21,500 पोल्ट्री पक्षियों और 954 पशुओं की मौत की पुष्टि हुई है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों में 199 सड़कें अब भी बंद हैं, 68 ट्रांसफॉर्मर ठप पड़े हैं और 171 पेयजल योजनाएं बंद हैं। मंडी जिले में 141 सड़कें, 61 ट्रांसफॉर्मर और 142 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। कांगड़ा, कुल्लू, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में भी जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि राज्य के 10 जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका अभी भी बनी हुई है। फिलहाल प्रशासन और आपदा राहत टीमें हाई अलर्ट पर हैं।
राज्य सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त सहायता की मांग की है और प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए जिलों में विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं। प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे संवेदनशील इलाकों से दूर रहें और मौसम अपडेट्स का पालन करें।