
नागपुर, 1 मई 2025
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व सरकार्यवाह भैया जी जोशी ने नागपुर में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान राम और कृष्ण को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा, “हमने न राम को देखा है, न ही भगवान श्री कृष्ण को। इसलिए रामलीला और महाभारत का मंचन करना बहुत आसान है, क्योंकि उनके बारे में जो भी कहा जाएगा, वह सत्य माना जाएगा।”
उनका यह बयान राम और कृष्ण के वास्तविक अस्तित्व पर प्रश्न उठाने वाला था, और उन्होंने यह भी कहा कि रामायण और महाभारत का मंचन किसी ने नहीं देखा, लेकिन इन घटनाओं के बारे में विश्वास किए बिना लोग उन्हें स्वीकार करते हैं। जोशी ने आगे कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि हम सब इन घटनाओं को व्यक्तिगत रूप से नहीं देख सकते, लेकिन हमने इन्हें विश्वास के आधार पर स्वीकार किया है।
इस दौरान, जोशी ने संघ के तीन संस्थापकों की भी सराहना की। उन्होंने संघ के संस्थापकों को “भागीरथ” के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि इन महापुरुषों की तरह कोई भी प्रवाह को रोकने का साहस नहीं रखता। उनका कहना था कि जैसे गंगा के प्रवाह को कोई नहीं रोक सकता, वैसे ही संघ के कार्यकर्ताओं की निष्ठा और समर्पण को भी कोई बाधित नहीं कर सकता।
भैया जी जोशी के इस बयान से एक बार फिर संघ और हिंदू धर्म से जुड़े मुद्दों पर चर्चा शुरू हो गई है, खासकर उनके बयान के बाद जो लोग राम और कृष्ण के अस्तित्व को लेकर चिंतित हैं।