
नई दिल्ली, 17 जुलाई 2025
केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के नियमों में ऐतिहासिक बदलाव करने की तैयारी में है। अब खाताधारकों को हर 10 साल में अपनी जमा राशि का बड़ा हिस्सा या पूरी रकम निकालने की सुविधा मिल सकती है। इससे नौकरीपेशा लोगों को रिटायरमेंट तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा और वे अपनी जरूरत के मुताबिक इस फंड का इस्तेमाल कर सकेंगे।
फिलहाल EPF की पूरी रकम केवल दो ही स्थितियों में निकाली जा सकती है – पहला, जब कोई कर्मचारी 58 साल की उम्र में रिटायर हो जाए और दूसरा, अगर वह दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहे। आंशिक निकासी की अनुमति कुछ विशेष स्थितियों, जैसे घर खरीदना, इलाज, शादी या बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाती है।
अब सरकार हर 10 साल में बड़ी या पूरी निकासी की छूट देने पर विचार कर रही है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन है, और सरकार 100% की बजाय 60% तक निकासी की सीमा भी तय कर सकती है।
अगर यह नियम लागू होता है, तो कर्मचारी 30 या 40 की उम्र में भी EPF से बड़ी रकम निकालकर घर खरीदने, बिजनेस शुरू करने या अन्य व्यक्तिगत जरूरतों में इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, बदलाव का उद्देश्य खाताधारकों को उनकी मेहनत की कमाई को समय पर और जरूरत के हिसाब से उपयोग करने की आज़ादी देना है।
हालांकि कुछ विशेषज्ञ इस प्रस्ताव को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि EPF का मूल उद्देश्य रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा देना है, और बार-बार निकासी की छूट से भविष्य की बचत कमजोर पड़ सकती है।
इसके साथ ही EPFO को अपने IT सिस्टम को भी अपग्रेड करना होगा ताकि बढ़ती निकासी की मांग को संभाल सके और धोखाधड़ी से बचा जा सके।
हाल ही में EPFO ने मकान बनाने या जमीन खरीदने के लिए 90% तक निकासी की अनुमति दे दी है और न्यूनतम योगदान की अवधि भी 5 साल से घटाकर 3 साल कर दी गई है।
अगर प्रस्ताव लागू हुआ, तो यह EPF इतिहास का सबसे बड़ा और व्यापक बदलाव साबित हो सकता है।