नई दिल्ली, 12 जुलाई 2025
देश को अपने इतिहास और अपने पूर्वजों की धरोहर से एक बार फिर गर्व का क्षण मिला है। बीते शुक्रवार को फ्रांस के पेरिस में आयोजित विश्व धरोहर समिति की 47वीं बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। यहां इस बैठक में, मराठा शासकों द्वारा निर्मित असाधारण किले को यूनेस्को ने अपनी मान्यता दे दी है। सैन्य व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले इस किले को कल आयोजित विश्व धरोहर सम्मेलन में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है, जिसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र संगठन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की।
यह यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त भारत का 44वाँ स्थल है। केंद्र सरकार ने 2024-25 चक्र के लिए 12 मराठा किला परिसरों को प्रविष्टि के रूप में भेजा है। ये महाराष्ट्र और तमिलनाडु में स्थित हैं। इन मराठा सैन्य परिसरों में तमिलनाडु में साल्हेर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़, खंडेरी किला, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और जिंजी किला शामिल हैं।
हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने कहा कि विभिन्न भौगोलिक और भौतिक क्षेत्रों में फैले ये हिस्से मराठा शासन की सामरिक शक्तियों को दर्शाते हैं। ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ 17वीं और 19वीं शताब्दी के बीच बनाए गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर मराठा सैन्य परिदृश्य को यूनेस्को द्वारा मान्यता दिए जाने पर प्रतिक्रिया दी।
यह सभी देशवासियों के लिए अत्यंत गौरव का क्षण है, जब UNESCO ने महाराजाधिराज छत्रपति शिवाजी महाराज जी के जीवन से जुड़े 12 किलों को #UNESCOWorldHeritage में शामिल किया है।
अभी कुछ ही दिन पहले रायगढ़ किले पर जाकर छत्रपति शिवाजी महाराज जी के जीवन से जुड़े प्रतीकों से आत्मसाक्षात्कार…
— Amit Shah (@AmitShah) July 11, 2025
उन्होंने मराठा सैन्य परिदृश्य को यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। अमित शाह ने ट्विटर पर कहा, “महाराजाधिराज छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़े 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना सभी देशवासियों के लिए गर्व की बात है।”