
नई दिल्ली, 22 जून 2025
इजरायल-ईरान जारी संघर्ष के बीच भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंधु के तहत कुल 1,117 नागरिकों को सुरक्षापूर्वक निकाल लिया है। इसी क्रम में बीते शनिवार ईरान से एक विशेष विमान 290 भारतियों को लेकर दिल्ली पहुंचा।
एक्स पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा, “ऑपरेशन सिंधु ने गति पकड़ ली है। 290 भारतीय नागरिक ईरान से मशहद से एक विशेष उड़ान से सुरक्षित रूप से घर लौट आए हैं, जो 21 जून 2025 को 2330 बजे नई दिल्ली में उतरी। इसके साथ ही, 1,117 भारतीय नागरिकों को ईरान से निकाला जा चुका है।”निकाले गए लोगों ने संघर्ष क्षेत्र में अपने अनुभव को याद करते हुए भारतीय अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई के लिए उनकी प्रशंसा की।
तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे बिहार के सिवान निवासी एक व्यक्ति ने तेहरान की स्थिति को गंभीर बताया और निकासी के लिए सरकार को धन्यवाद दिया।
एएनआई ने उनके हवाले से कहा, “मैं बिहार के सिवान से हूं। मैं पिछले 2 सालों से ईरान में हूं। मैं तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में मेडिसिन की पढ़ाई कर रहा हूं। तेहरान में स्थिति गंभीर है। अन्य जगह सामान्य हैं। मैं सरकार का (निकासी के लिए) शुक्रगुजार हूं।”
कश्मीर निवासी नवीद ने कहा कि भारत पहुंचकर उन्हें अच्छा लग रहा है। एएनआई ने नवीद के हवाले से कहा, “मैं कश्मीर से हूं। मैं एमबीबीएस का द्वितीय वर्ष का छात्र हूं। अब मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं भारत का शुक्रगुजार हूं। उन्होंने हमें निकाला।”
कश्मीर निवासी मोमिन उश्ताक ने कहा कि ईरान में स्थिति अच्छी नहीं है और उन्होंने संघर्ष क्षेत्र से उन्हें निकालने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की।
एएनआई ने मोमिन उश्ताक के हवाले से बताया, “मैं कश्मीर से हूं। वहां स्थिति अच्छी नहीं है। हम भारत सरकार, कश्मीर और दूतावास के बहुत आभारी हैं। वे विशेष धन्यवाद के पात्र हैं, क्योंकि उन्होंने हमें निकाला और घर वापस लाए।” इंदिरा कुमारी ने कहा, “हम वापस आ गए हैं। मैं भारत सरकार और भारत के प्रधानमंत्री की आभारी हूं।”
संयुक्त राज्य अमेरिका ने युद्ध में शामिल होकर ईरान में तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी की है, जबकि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष अपने दसवें दिन में प्रवेश कर गया है। दो मध्य पूर्वी देशों के बीच शत्रुता तब शुरू हुई जब 13 जून को इजरायल ने ईरान की परमाणु और सैन्य सुविधाओं को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया। जवाब में, ईरान ने अपना सैन्य अभियान, ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 शुरू किया।






