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कौन है यह 3 साल का खिलाड़ी जिसने बड़े-बड़े चैंपियंस को किया हैरान? इतनी कम उम्र में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड!

सिर्फ तीन साल सात महीने की उम्र में मध्य प्रदेश के सरवज्ञ सिंह कुशवाहा दुनिया के सबसे कम उम्र के FIDE रैपिड रेटेड खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने अनुभवी खिलाड़ियों को हराकर 1572 रेटिंग हासिल की

खेल डेस्क, 5 दिसंबर

भारत में शतरंज की नई पीढ़ी दुनिया को लगातार चौंका रही है। मध्य प्रदेश के सागर शहर के मात्र तीन साल सात महीने और 13 दिन के सरवज्ञ सिंह कुशवाहा ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे सुनकर बड़े-बड़े ग्रैंडमास्टर भी हैरान हैं। सरवज्ञ दुनिया के सबसे कम उम्र के FIDE (अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ) रैपिड रेटेड खिलाड़ी बन गए हैं। फीडे की दिसंबर रेटिंग सूची में उन्हें 1572 की रैपिड रेटिंग मिली है। इतनी छोटी उम्र में किसी खिलाड़ी का रेटिंग हासिल करना अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इससे पहले यह रिकॉर्ड अनिश सरकार के नाम था, जिन्होंने तीन साल 10 महीने की उम्र में फीडे रेटिंग हासिल की थी।

कैसे शुरू हुई सरवज्ञ की शतरंज यात्रा?

सरवज्ञ की शतरंज यात्रा बेहद दिलचस्प है। उनके माता-पिता ने उन्हें स्क्रीन टाइम कम कराने के लिए शतरंज सिखाना शुरू किया। शुरुआत सिर्फ खेल-खेल में हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे सरवज्ञ की रुचि इतनी बढ़ी कि वह हर दिन अभ्यास करने लगे। कुछ ही महीनों बाद उनके माता-पिता ने उन्हें प्रतियोगिताओं में भाग दिलाना शुरू किया और यहां से उनके टैलेंट ने असली उड़ान भरी।

अनुभवी खिलाड़ियों को मात देकर सबको चौंकाया

सरवज्ञ ने अपनी पहली बड़ी प्रतियोगिता सितंबर में खेली-24वां आरसीसी रैपिड रेटेड कप, मंगलूरू। यहां उन्होंने 1542 रेटिंग वाले खिलाड़ी को हराकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। अक्टूबर में खंडवा में हुई दूसरी रैपिड रेटिंग ओपन प्रतियोगिता में उन्होंने 1559 रेटिंग वाले खिलाड़ी को हराया।

नवंबर महीने में छिंदवाड़ा और इंदौर में भी उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया और कई अनुभवी खिलाड़ियों को हराते हुए अपनी आधिकारिक फीडे रेटिंग हासिल की। खास बात यह है कि रेटिंग पाने के लिए आमतौर पर एक रेटेड खिलाड़ी को हराना जरूरी होता है, लेकिन सरवज्ञ ने तीन खिलाड़ियों को मात दी और अपनी क्षमता साबित कर दी।

भारतीय चेस का भविष्य और भी होगा मजबूत

सरवज्ञ की यह उपलब्धि भारत के लिए बेहद अहम मानी जा रही है। फिलहाल भारत के डी. गुकेश विश्व चैंपियन हैं और दिव्या देशमुख वुमेंस वर्ल्ड कप विजेता हैं। अब सरवज्ञ जैसे नन्हे खिलाड़ी यह साबित कर रहे हैं कि भारत का आने वाला चेस भविष्य कितना उज्ज्वल है। इतनी कम उम्र में रेटिंग हासिल कर सरवज्ञ ने न सिर्फ नया रिकॉर्ड बनाया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि भारत की नई पीढ़ी शतरंज की दुनिया में नई क्रांति ला रही है।

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