देहरादून, 16 जनवरी 2025
उत्तराखंड विभिन्न आपदाओं को लेकर एक संवेदनशील राज्य है। विशेषकर जंगलों में आग के कारण काफी वन संपदा का नुकसान होता है।
इसी के मद्दे नज़र वनाग्नि को लेकर राज्य के अत्यंत संवेदनशील सात जनपदों के 17 स्थानों पर 30 जनवरी को मॉक ड्रिल की जाएगी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के निर्देशन में मॉक ड्रिल आईआरएस यानी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम की गाइडलाइन्स के अनुसार आयोजित की जाएगी। इस संबंध में बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक हुई।
इस अवसर पर एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) सैयद अता हसनैन ने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रत्येक वर्ष वनाग्नि के कारण बहुत बेशकीमती वन संपदा नष्ट हो जाती है, इसलिए जरूरी है कि वनाग्नि पर प्रभावी तौर पर नियंत्रण किया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अल्मोड़ा और नैनीताल में वनाग्नि पर जिस तरीके से नियंत्रण पाया गया, वह दिखाता है कि उत्तराखण्ड का आपदा प्रबंधन तंत्र कितना सशक्त और मजबूत है।
उन्होंने कहा कि आपदाओं का सामना करने के लिए आपसी समन्वय, ज्ञान, संसाधन और आपदाओं की पहचान करना आवश्यक है। जितना हम क्षमता विकास और प्रशिक्षण के क्षेत्र में काम करेंगे, उतने ही प्रभावी तरीके से हम आपदाओं का सामना कर सकेंगे।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श् विनोद कुमार सुमन ने फॉरेस्ट फायर जैसे विषय पर मॉक ड्रिल करने और इस आपदा का संज्ञान लेने पर एनडीएमए का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार कमांडेंट श्री आदित्य कुमार ने मॉक ड्रिल के आयोजन को लेकर सभी तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनडीएमए की कई टीमें राज्य के अलग-अलग स्थानों पर मॉक ड्रिल की मॉनिटरिंग करेंगी।