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कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सरकार से की मांग, बोली जल्द से जल्द देश में हो जनगणना

नई दिल्ली, 10 फरवरी 2025

वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सोमवार को सरकार से जल्द से जल्द जनगणना पूरी करने को कहा और दावा किया कि देश में करीब 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लाभ से वंचित हैं। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान अपने पहले भाषण में गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत लाभार्थियों की पहचान 2011 की जनगणना के अनुसार की जा रही है, न कि नवीनतम जनसंख्या संख्या के आधार पर।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यूपीए सरकार द्वारा सितंबर 2013 में शुरू किए गए एनएफएसए को एक ऐतिहासिक पहल बताया जिसका उद्देश्य देश की 140 करोड़ आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

गांधी ने कहा कि इस कानून ने लाखों कमजोर परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर कोविड-19 संकट के दौरान। उन्होंने यह भी कहा कि लाभार्थियों के लिए कोटा अभी भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है , जो अब एक दशक से अधिक पुरानी हो चुकी है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के अंतर्गत अत्यधिक सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की 75 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र की 50 प्रतिशत आबादी को कवरेज प्रदान करने का प्रावधान है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 81.35 करोड़ है।

वर्तमान में सरकार खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराती है।

उन्होंने कहा, “स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार, दशकीय जनगणना में चार साल से अधिक की देरी हुई है। इसे मूल रूप से 2021 के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि जनगणना कब आयोजित की जाएगी।”

गांधी ने यह भी दावा किया कि बजट आवंटन से पता चलता है कि इस वर्ष अद्यतन जनगणना कराए जाने की संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार लगभग 14 करोड़ पात्र भारतीय एनएफएसए के तहत अपने उचित लाभ से वंचित हो रहे हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “यह जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द जनगणना पूरी करने को प्राथमिकता दे और यह सुनिश्चित करे कि सभी पात्र व्यक्तियों को एनएफएसए के तहत गारंटीकृत लाभ मिले। खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं है। यह एक मौलिक अधिकार है।”

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त खाद्यान्न वितरण की अवधि 1 जनवरी, 2024 से पांच साल के लिए बढ़ा दी गई है।

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