
अमेठी, 28 फरवरी 2025
अमेठी के एक अस्पताल के डॉक्टर पर नशे में धुत होकर एक व्यक्ति की सर्जरी करने का आरोप लगाया गया है। व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार के सदस्यों ने गुरुवार को रात 1 बजे अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो कई घंटों तक जारी रहा, जिसके बाद जांच के आदेश भी दिए गए हैं।
अमेठी जिले के गौरीगंज थाना क्षेत्र के मऊ गांव निवासी शिवराम मिश्रा को सीने में दर्द की शिकायत के बाद बुधवार शाम 4.30 बजे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनके पोते सूरज कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्हें इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया, जहां डॉ. संजय द्विवेदी ने कुछ जांच कराने को कहा।
पोते ने बताया, “जांच के बाद हमें बताया गया कि नसों में कुछ समस्या है। फिर डॉ. द्विवेदी, डॉ. सत्येंद्र तिवारी और डॉ. अपूर्व मिश्रा का पैनल हमारे दादाजी को ऑपरेशन थियेटर में ले गया। वहां कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। हम लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर और दस्ताने लेकर भागते हुए देख सकते थे। क्या उन्हें ऑपरेशन से पहले सब कुछ व्यवस्थित नहीं करना चाहिए था? डॉ. संजय द्विवेदी भी पूरी तरह से नशे में थे।”
विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद डॉ. द्विवेदी अस्पताल से भाग गए।
शिवराम मिश्रा के बेटे ने गुरुवार को शिकायत दर्ज कराई और मुंशीगंज पुलिस ने तीनों डॉक्टरों के साथ ही उनके एक साथी प्रशांत द्विवेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। अन्य डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करने में लापरवाही बरती।
गौरीगंज के सर्किल ऑफिसर अखिलेश वर्मा ने कहा, “हमें शिकायत मिली है और एफआईआर दर्ज कर ली गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और आगे की जांच जारी है।”
परिजनों के विरोध के बाद गौरीगंज ब्लॉक प्रमुख उमेश प्रताप सिंह, जो स्थानीय विधायक राकेश प्रताप सिंह के भाई हैं, भी मौके पर पहुंचे। अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अंशुमान सिंह ने आरोपों की जांच के लिए डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम गठित की है।
संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस 2023 में निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि पित्ताशय की पथरी के इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी। महिला के परिवार ने आरोप लगाया था कि उसकी मौत एनेस्थीसिया के ओवरडोज से हुई थी और अस्पताल के सीईओ समेत तीन डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।