अंशुल मौर्य
वाराणसी, 9 अप्रैल 2025:
वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी भूमि विवाद में अगली सुनवाई अब 17 अप्रैल को होगी। सिविल जज (सीनियर डिवीजन) हितेश अग्रवाल की अदालत में चल रहे इस मामले में अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने बुधवार को अपना वकालतनामा दाखिल कर दिया है।
पहली सुनवाई के दौरान कमेटी की अनुपस्थिति से नाराज कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी थी कि यदि 9 अप्रैल को भी कमेटी पेश नहीं हुई तो एकतरफा फैसला सुना दिया जाएगा। कोर्ट की इस चेतावनी का असर दिखा और कमेटी की ओर से अधिवक्ता मुमताज अहमद, अखलाक अहमद, तनवीर खान और रईस अहमद ने अदालत में हाजिरी लगाई।
कमेटी ने वादी से मुकदमे से संबंधित दस्तावेजों की कॉपी मांगी और इसके लिए एक प्रार्थना पत्र भी दाखिल किया। कोर्ट ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 17 अप्रैल निर्धारित की है।
यह विवाद प्लॉट नंबर 8276 की जमीन और उत्तर प्रदेश सरकार के भवन (सीके 38/12,13) की अदला-बदली को लेकर है। 10 जुलाई 2021 को हुए विनिमय प्रलेख के जरिए अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने खुद को उक्त प्लॉट का मालिक बताते हुए राज्य सरकार के भवन के साथ अदला-बदली कर ली थी।
हालांकि, अधिवक्ता नित्यानंद राय ने इस प्रक्रिया को अवैध बताते हुए सिविल कोर्ट में याचिका दायर की है। उनका दावा है कि प्लॉट नंबर 8276 समेत आस-पास के अन्य प्लॉट्स (9130, 9131, 9132, 9133, 9134, 9135) श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परकोटे का हिस्सा हैं। उन्होंने 10 जुलाई 2021 के विनिमय प्रलेख को शून्य घोषित करने और सभी संबंधित जमीनों पर काशी विश्वनाथ मंदिर का स्वामित्व घोषित करने की मांग की है।
कोर्ट का आगामी फैसला वाराणसी के इस बहुचर्चित मामले में नया मोड़ ला सकता है। सभी की निगाहें अब 17 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी हैं, जब इस विवाद पर अगली बड़ी कार्रवाई की जाएगी।