
नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2025
विशेष एनआईए अदालत ने शुक्रवार को 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की 18 दिन की हिरासत में भेज दिया। विमान को एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के अधिकारियों द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई, तथा इसमें मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
राजधानी पहुंचने पर सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राणा को एनआईए टीम ने औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। एनआईए ने एक बयान में पुष्टि की कि राणा का प्रत्यर्पण भारतीय अधिकारियों द्वारा “वर्षों के निरंतर और ठोस प्रयासों” का परिणाम था।
भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू होने के बाद से वह अमेरिकी न्यायिक हिरासत में थे। इस प्रक्रिया में अमेरिकी अदालतों में कई कानूनी लड़ाइयां शामिल थीं, जिनमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में एक आपातकालीन अपील भी शामिल थी, जो अंततः खारिज कर दी गईं।
एजेंसी ने कई अमेरिकी संस्थानों की “सक्रिय सहायता” को स्वीकार किया, जिनमें अमेरिकी न्याय विभाग का अंतर्राष्ट्रीय मामलों का कार्यालय, कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के लिए अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय, अमेरिकी मार्शल सेवा, नई दिल्ली में एफबीआई के कानूनी अताशे और अमेरिकी विदेश विभाग का कानूनी कार्यालय शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने भी राणा के आत्मसमर्पण वारंट को आगे बढ़ाने और अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ प्रयासों का समन्वय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान भारतीय खुफिया एजेंसियों ने एनआईए के साथ मिलकर काम किया।
राणा के प्रत्यर्पण और गिरफ्तारी को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराने के भारत के चल रहे मिशन में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। इन हमलों में 166 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
एनआईए द्वारा राणा से पूछताछ कर साजिश के बारे में अधिक जानकारी जुटाने तथा हमले में शामिल अन्य व्यक्तियों से संबंधों का पता लगाने की उम्मीद है।