नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2025
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सुखोई विमान से लंबी दूरी के ग्लाइड बम “गौरव” का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। “गौरव” 1,000 किलोग्राम वर्ग का ग्लाइड बम है जिसे डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि 8 अप्रैल से 10 अप्रैल तक किए गए परीक्षणों में लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तक सटीक निशाना लगाने में सफलता मिली। इसमें कहा गया है कि इन परीक्षणों से इस हथियार को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने “गौरव” के सफल विकास परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और संबंधित उद्योग भागीदारों को बधाई दी। एलआरजीबी को डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के ग्लाइड बम के विकास से सशस्त्र बलों की क्षमताओं में काफी वृद्धि होगी।
मंत्रालय ने कहा, “डीआरडीओ ने 8 से 10 अप्रैल के बीच सुखोई-30 एमकेआई विमान से लंबी दूरी के ग्लाइड बम (एलआरजीबी) ‘गौरव’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।” इसमें कहा गया है, “परीक्षणों के दौरान, हथियार को विभिन्न वारहेड विन्यासों में कई स्टेशनों पर एकीकृत किया गया था, तथा भूमि लक्ष्य को द्वीप पर रखा गया था।”
एलआरजीबी को डीआरडीओ के अनुसंधान केंद्र इमारत और आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन परीक्षणों में भाग लिया और इनकी समीक्षा की।
मंत्रालय ने कहा, “इस प्रणाली को विकास-सह-उत्पादन साझेदारों – अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज, भारत फोर्ज और विभिन्न एमएसएमई के सहयोग से साकार किया गया है।” इसमें कहा गया है, “ये परीक्षण हथियार को भारतीय वायुसेना में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।” मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सैन्य उड़ान योग्यता एवं प्रमाणन केंद्र तथा वैमानिकी गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय ने प्रमाणन और गुणवत्ता आश्वासन में योगदान दिया है।”