
नई दिल्ली, 10 मई 2025
भारत-पाकिस्तान संघर्ष बढ़ने के बाद अब इसका असर शेयर बाजारों में भी लगातार पड़ता जा रहा है।हालिया घटना क्रम में भारत के पाकिस्तान पर ड्रोन और मिसाइलों से हमलों से बजार में भारी उथल-पुथल मची जिसके चलते निवेशकों के केवल दो दिनों में ही 7 लाख करोड़ रुपये डूब गए। जानकारी अनुसार शेयर बजार बीते गुरुवार के दिन की गिरावट को जारी रखते हुए 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 880.34 अंक या 1.10 प्रतिशत गिरकर 79,454.47 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 265.80 अंक या 1.10 प्रतिशत गिरकर 24,008 पर आ गया। दो दिनों में बीएसई बेंचमार्क 1,292.31 अंक या 1.60 प्रतिशत गिर गया।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण दो दिनों में 7,09,783.32 करोड़ रुपये घटकर 4,16,40,850.46 करोड़ रुपये (4.86 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) रह गया। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “वैश्विक सूचकांकों में मजबूती के बावजूद घरेलू कारकों का भारतीय बाजारों पर दबाव बना रहा। भारत-पाक संघर्ष के कारण बढ़ते तनाव ने निवेशकों को स्थानीय शेयर बाजारों से दूर रहने के लिए प्रेरित किया।”
सेंसेक्स की कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व, अडानी पोर्ट्स, आईटीसी और महिंद्रा एंड महिंद्रा पिछड़ गए। टाइटन कंपनी, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टूब्रो तथा भारतीय स्टेट बैंक को लाभ हुआ। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 0.30 प्रतिशत तथा मिडकैप सूचकांक में 0.10 प्रतिशत की गिरावट आई। क्षेत्रीय सूचकांकों में रियल्टी (2.08 प्रतिशत), यूटिलिटीज (1.50 प्रतिशत), वित्तीय सेवाएं (1.40 प्रतिशत), बिजली (1.11 प्रतिशत), बैंकिंग (1.04 प्रतिशत), एफएमसीजी (0.65 प्रतिशत) और सेवाएं (0.63 प्रतिशत) में गिरावट आई। पूंजीगत वस्तुओं में 1.67 प्रतिशत, औद्योगिक वस्तुओं में 1.10 प्रतिशत, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में 1.29 प्रतिशत तथा धातु में 0.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
“संघर्ष की आशंका थी, लेकिन बाजार को स्थिति के और गंभीर होने की उम्मीद नहीं थी, जिससे इसकी अवधि को लेकर चिंता बढ़ गई। हालांकि, रणनीतिक लाभ और प्रतिद्वंद्वी की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए, यह अभी भी एक अल्पकालिक टकराव माना जा रहा है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “दिलचस्प बात यह है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) कल (गुरुवार) तक भारतीय बाजार में निवेश करते रहे, जबकि खुदरा निवेशक इस समय थोड़ा सतर्क बने हुए हैं।”
शुक्रवार को बीएसई में 2,522 शेयरों में गिरावट आई, 1,343 में तेजी आई और 145 शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे। फिलहाल शेयर बजारों में ये अथल-पुथल का दौर कब तक जारी रहता है इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। जानकारों की मानते तो शेयर बजार के जल्द ही फिर से पहले जैसी स्थिति में आने की उम्मीद तेज है।





