• “सौर सखी” बनेंगी उत्तराखंड की नई पहचान, सोलर एनर्जी से स्वरोजगार की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी
देहरादून, 29 मई 2025:
उत्तराखंड में स्वरोजगार के नए अवसरों की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के विकासकर्ताओं के साथ संवाद किया। इस कार्यक्रम के दौरान कई अहम घोषणाएं हुईं, जो खास तौर पर रोजगार की तलाश में जुटे युवाओं और महिलाओं के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई हैं।
महिलाएं बनेंगी “सौर सखी”
मुख्यमंत्री ने एलान किया कि इस योजना से जुड़ी महिलाओं को अब “सौर सखी” नाम दिया जाएगा। यानी अब महिलाएं सिर्फ लाभार्थी नहीं, बल्कि सौर ऊर्जा की अग्रदूत बनेंगी। राज्य सरकार इसके जरिए महिला सशक्तिकरण और रोजगार सृजन को नई दिशा देने की तैयारी कर रही है।
हर जिले में होगी ट्रेनिंग, हर ब्लॉक में लगेगा विशेष कैंप
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सोलर प्लांट्स के रखरखाव के लिए हर जिले में युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि स्थानीय स्तर पर ही टेक्निकल स्किल विकसित की जा सके। इसके साथ ही प्रत्येक विकासखंड में विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का फायदा उठा सकें।
जबरदस्त सब्सिडी और 25 साल का पावर खरीद अनुबंध
सरकार ने इस योजना में 20 से 200 किलोवॉट तक के सोलर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिन पर 20 से 50% तक की सब्सिडी दी जा रही है। खास बात यह है कि महिलाओं, एससी/एसटी और दिव्यांगजनों को अतिरिक्त 5% का अनुदान भी मिलेगा। वहीं 4% ब्याज सब्सिडी पर लोन, और यूपीसीएल के साथ 25 साल का पावर परचेज एग्रीमेंट योजना को और आकर्षक बनाते हैं।
2027 तक 2500 मेगावाट का लक्ष्य
राज्य सरकार ने 2027 तक 2500 मेगावाट सोलर कैपेसिटी का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक 250 मेगावाट का उत्पादन लक्ष्य पूरा हो चुका है और आगे इसका विस्तार लगातार किया जा रहा है।
योजना की पहुंच अब गांव-गांव तक
संवाद कार्यक्रम में उत्तरकाशी, चमोली, पौड़ी और चम्पावत से आए प्रतिभागियों ने इस योजना को पर्वतीय क्षेत्रों के लिए गेम चेंजर बताया। सभी ने इस योजना को ज्यादा प्रचारित करने, महिलाओं को जोड़ने और नियमित ट्रेनिंग देने की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताई।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों के साथ-साथ अब उत्तराखंड में भी स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ और ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ जैसी योजनाओं का फायदा दिखने लगा है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.मीनाक्षी सुदंरम, अपर सचिव एवं निदेशक उरेडा श्रीमती रंजना राजगुरू, प्रबंध निदेशक यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक पिटकुल पी.सी.ध्यानी मौजूद थे।
रोजगार की तलाश करने वाले युवाओं के लिए सुनहरा मौका
यदि आप तकनीकी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, स्वरोजगार की सोच रहे हैं या पर्यावरण हितैषी स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, तो मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना आपके लिए एक बेहतर अवसर हो सकता है।
इस योजना में आवेदन और जानकारी के लिए आप उत्तराखंड उरेडा की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
नया सूरज, नई ऊर्जा – और अब उत्तराखंड में सौर शक्ति से नए रोजगार की रोशनी।