नई दिल्ली, 3 जून 2025
S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को लेकर भारत के लिए एक बड़ी खबर है। सोमवार को भारत में रूसी दूतावास के मिशन उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन के हवाले से मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रूस ने 2025-2026 तक भारत को शेष एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है।
मीडिया से बात करते हुए, बाबुश्किन ने कथित तौर पर कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए तनाव के दौरान एस-400 सिस्टम ने मजबूत प्रदर्शन किया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि दोनों देश वायु रक्षा और ड्रोन विरोधी तकनीकों में सहयोग बढ़ा सकते हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, बाबुश्किन ने कहा कि रूस भारत के साथ रक्षा सहयोग, विशेषकर वायु रक्षा के क्षेत्र में, को भविष्य की साझेदारी के लिए एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में देखता है, विशेषकर वर्तमान वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर।
भारत ने 2018 में रूस के साथ एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम की पांच रेजिमेंट खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। अब तक तीन यूनिट डिलीवर और तैनात की जा चुकी हैं। शेष दो के 2026 तक आने की उम्मीद है।
पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान एस-400 सिस्टम का इस्तेमाल किया गया और ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। उपलब्ध रिपोर्टों के अनुसार, इन हथियारों का प्रदर्शन अनुकरणीय था।
रक्षा के क्षेत्र में भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक और व्यापक सहयोग है। यह सहयोग IRIGC-M&MTC तंत्र द्वारा निर्देशित है, जिसकी अध्यक्षता दोनों देशों के रक्षा मंत्री करते हैं। नई दिल्ली और मास्को ने स्वीकार किया कि सैन्य तकनीकी सहयोग समय के साथ क्रेता-विक्रेता ढांचे से विकसित होकर उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों के संयुक्त अनुसंधान और विकास, सह-विकास और संयुक्त उत्पादन में परिवर्तित हो गया है।