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गोरखपुर : पर्यावरण दिवस पर स्मार्ट इनोवेशन–‘स्मार्ट नेस्ट’ पक्षियों और जंगलों के लिए बनेगा कवच

हरेन्द्र दुबे

गोरखपुर, 5 जून 2025:

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, गीडा, गोरखपुर के बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र आदित्य मद्धेशिया और अंशित कुमार श्रीवास्तव ने मिलकर ऐसा स्मार्ट घोंसला तैयार किया है, जो जंगलों में आग लगते ही वन विभाग को तत्काल सूचना भेज सकता है।

तकनीक और प्रकृति का अनोखा संगम

छात्रों द्वारा तैयार किए गए “स्मार्ट नेस्ट” में रेडियो, सोलर और वायरलेस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस प्रोजेक्ट में एक चिड़िया के घोंसले से जुड़े कई छोटे-छोटे सेंसर जंगलों में विभिन्न स्थानों पर लगाए जाते हैं, जिन्हें कई वर्षों तक चार्ज करने की जरूरत नहीं होती।

सेंसर आग और धुएं का करता है तुरंत पता

जैसे ही इन रेडियो ट्रांसमिटर सेंसर के संपर्क में आग की लपटें या धुआं आता है, यह तुरंत सक्रिय हो जाता है और जंगल के उस क्षेत्र की सटीक लोकेशन के साथ वन विभाग के कार्यालय को अलर्ट भेजता है।

“स्मार्ट नेस्ट” नाम का घोंसला

इस स्मार्ट डिवाइस को छात्रों ने कॉलेज की इनोवेशन लैब में तैयार किया है और इसे “स्मार्ट नेस्ट” नाम दिया गया है। यह उपकरण विशेष रूप से जंगलों और खेतों में लगने वाली आग की त्वरित पहचान और संबंधित अधिकारियों को स्वतः सूचना भेजने के लिए डिजाइन किया गया है।

अलार्म और GSM कॉल के साथ ऑटोमैटिक सिस्टम

डिवाइस में तापमान, धुएं और आग का पता लगाने वाले सेंसर लगे हैं। जैसे ही आग लगने की स्थिति बनती है, इसमें लगा अलार्म बजने लगता है और साथ ही GSM मॉड्यूल की मदद से मुख्यालय को कॉल या मैसेज चला जाता है।

सोलर एनर्जी से संचालित, पर्यावरण के अनुकूल

यह सिस्टम सोलर एनर्जी से चलता है, जिससे यह पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल बनता है। इसे ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में भी आसानी से लगाया जा सकता है, जहां मानवीय निगरानी संभव नहीं होती।

लागत कम, उपयोगिता ज्यादा

इस प्रोजेक्ट को बनाने में केवल सात हजार रुपये की लागत आई और इसे पूरा करने में छह दिन का समय लगा। इसमें GSM मॉड्यूल, GPS, नैनो सोलर प्लेट, रेडियो ट्रांसमिटर-रिसीवर और अलार्म जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है।


संस्थान ने की सराहना

संस्थान के निदेशक डॉ. एन. के. सिंह ने छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि पर्यावरण दिवस को हर दिन की तरह मनाने की ज़रूरत है और हमें ऐसे प्रयास करने चाहिए जो पर्यावरण को लाभ पहुंचाएं। उन्होंने वृक्षों की देखभाल को परिवार के सदस्य की तरह करने की अपील की।

बधाई और प्रेरणा

संस्थान के अध्यक्ष नीरज मातनहेलिया, सचिव श्याम बिहारी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष निकुंज मातनहेलिया और संयुक्त सचिव अनुज अग्रवाल सहित सभी शिक्षकों ने इस उपलब्धि पर छात्रों को बधाई दी और उनकी इस अभिनव सोच की सराहना की।

“स्मार्ट नेस्ट” एक ऐसा कदम है जो तकनीक को पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में सार्थक रूप से जोड़ता है और भविष्य में जंगलों तथा खेतों को आग की विभीषिका से बचाने में अहम भूमिका निभा सकता है।

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