
नई दिल्ली, 28 जून 2025
चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दौरान देश में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले का कोई जिक्र ना होने पर एक बार फिर चीन और पाकिस्तान के नापाक इरादे सामने आ गए है।
बीते शुक्रवार को इसी मामले को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता था कि एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में आतंकवाद का जिक्र हो, लेकिन सम्मेलन में इस मुद्दे को न उठाना गलत था। उन्होंने कहा कि गठबंधन के सदस्य देश के लिए यह अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा कि इस मामले पर राजनाथ सिंह का विचार सही है क्योंकि एससीओ का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है। उन्होंने कहा कि एससीओ का उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करना है, लेकिन अगर प्रमुख सम्मेलनों में आतंकवाद का जिक्र नहीं होता है, तो समझौते क्यों? जयशंकर ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद पर भारत की कार्रवाई सिर्फ़ कूटनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए है।
इस बीच चीन के क़िंगदाओ में एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक हुई। राजनाथ सिंह ने एससीओ के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया क्योंकि इस बैठक में पहलगाम आतंकी हमले का ज़िक्र नहीं किया गया।






