शाहजहांपुर, 3 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश शाहजहांपुर में ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ का एक बेहद ही हेरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर पुलिस ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई अधिकारी बनकर शाहजहांपुर के एक निवासी को डिजिटल रूप से गिरफ्तार करने और फर्जी ऑनलाइन अदालत के जरिए उससे एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया।
यह पूरा मामला रामचंद्र मिशन आश्रम के संस्थापक बाबूजी रामचंद्र जी महाराज के पौत्र शरदचंद्र 60 वर्षीय को डिजिटल अरेस्ट कर किया गया है। मामले में पुलिस ने बताया कि जालसाजों ने सबसे पहले 6 मई को फोन पर उनसे संपर्क किया और खुद को ईडी और सीबीआई अधिकारी बताया। इसके बाद उन्होंने जज बनकर धोखाधड़ी जारी रखी। उन्होंने करीब एक महीने तक व्हाट्सएप के जरिए फर्जी वर्चुअल सुनवाई भी की।
इस वर्चुअल सुनवाई के दौरान फर्जी वकीलों और जजों ने चांद को धमकाया। अंत में उन्होंने चांद से 9 लोगों के 40 खातों में 1.04 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवा लिए, जिन्हें वकील बताया गया। एनजीओ से जुड़े चांद ने डिजिटल गिरफ्तारी के बारे में किसी को नहीं बताया था। लेकिन जब उसे अहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हो रही है, तो उसने पुलिस को मामले की जानकारी दी, शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया।
पूछताछ के दौरान पुलिस को इस मामले से जुड़े बैंक खातों में 9 करोड़ रुपए के संदिग्ध हस्तांतरण का पता चला है। द्विवेदी ने बताया कि इस खाते की भी जांच की जा रही है। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान सचिन, प्रशांत, गौतम सिंह, संदीप कुमार, सैयद सैफ, आर्यन शर्मा और पवन यादव के रूप में हुई है। सभी की उम्र 20 से 28 साल के बीच है। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।