नई दिल्ली, 4 जुलाई 2025
अगर तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से आपकी मौत होती है (बीमा पॉलिसी) तो बीमा कंपनी को बीमा का भुगतान नहीं करना पड़ता है। इस संदर्भ में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने दुर्घटना बीमा पॉलिसी पर एक सनसनीखेज फैसला सुनाया है।
जानकारी अनुसार 18 जून 2014 को कर्नाटक राज्य में रवीश नाम के एक व्यक्ति की तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से मौत हो गई थी। बाद में पीड़ित के परिवार के सदस्यों ने बीमा क्लेम दाखिल करने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने बीमा कंपनी से 80 लाख रुपये का बीमा मुआवजा मांगा।
पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में रवीश ने कहा कि दुर्घटना का मुख्य कारण तेज गति और लापरवाही थी। हालांकि, पीड़ित परिवार ने अदालत में दलील दी कि दुर्घटना टायर फटने के कारण हुई। हालांकि, अदालत ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया क्योंकि लापरवाही से गाड़ी चलाने के सबूत थे।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि अगर किसी व्यक्ति की मौत लापरवाही से गाड़ी चलाने और यातायात नियमों की अनदेखी करने के कारण होती है, तो उसके परिवार के सदस्य बीमा का दावा नहीं कर सकते। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह साबित करने की जिम्मेदारी परिवार के सदस्यों की है कि मृतक बीमा पॉलिसी के दायरे में आता है। इस फैसले को चुनौती देते हुए पीड़ित परिवार के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
मामले की सुनवाई जस्टिस पीएस नरसिम्हा और आर महादेवन की बेंच ने की। इसमें स्पष्ट किया गया कि मृतक की मौत दुर्घटना में उसकी अपनी गलती के कारण हुई। कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फैसला सुनाया कि लापरवाही से गाड़ी चलाने के लिए बीमा कंपनी जिम्मेदार नहीं है।